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टीवी व मोबाइल से बच्चों को रखें दूर

फिक्रमंद दैनिक जागरण के कार्यक्रम में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ ने दिया पाठकों को परामर्श ब्लर्ब- जागरण के पाठकों ने फोन कर जाना समाधान चिकित्सक ने आंखों की सेहत के लिए दिए टिप्स

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:02 AM (IST)
टीवी व मोबाइल से बच्चों को रखें दूर
टीवी व मोबाइल से बच्चों को रखें दूर

जागरण संवाददाता, हाथरस : धूल, धूप, खराब खानपान व लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण आंखों के विजन पर असर पड़ता है। अधिकतर समय टीवी व स्मार्ट फोन पर बिताने के कारण बच्चों की आंखों पर जल्दी असर पड़ता है। केवल सावधानी व आंखों का सही रख-रखाव से ही आंखों की सेहत का ख्याल रखा जा सकता है। दैनिक जागरण के 'हेलो जागरण' कार्यक्रम में रविवार को वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आईके खुराना ने आंखों की समस्या के समाधान के साथ-साथ आंखों को कैसे स्वस्थ्य रखना है? इस बार में भी बताया। पेश हैं पाठकों द्वारा पूछे गए चुनिंदा सवाल व उनके जवाब।

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-मेरी बेटी की उम्र 12 वर्ष है। आंखों से हर समय पानी आता है तथा जलन होती है। क्या समस्या है?

तेजवीर चैधरी, कुरसंडा

-यह एलर्जी के लक्षण हैं। बहुत ज्यादा टीवी व स्मार्ट फोन पर समय व्यतीत करने के कारण ऐसा होता है। चिकित्सक को दिखाने के बाद कोई भी लुब्रिकेंट आई ड्राप का इस्तमाल कर सकते हैं।

चश्मा पहनता हूं, फिर भी आंखों से साफ नहीं दिखता है। कई बार चेकअप करा चुका हूं, लेकिन समस्या पकड़ में नहीं रही है।

-चंद्रपाल, सहपऊ

चश्मे के नंबर का जल्दी-जल्दी बदलना खतरे की घंटी है। कालापानी व मोतियाबिद की जांच कराएं। बीपी व शुगर के कारण भी ऐसा होता है। सही जगह सही जांचें कराएंगे तो समस्या पकड़ में आएगी।

मेरी उम्र 62 वर्ष है। चश्मा लग रहा है। पिछले छह महीने से नजर गिर रही है। दर्द भी रहता है। क्या कारण है?

अजय कुमार, सिकंदराराऊ

-उम्र के साथ मांसपेशियां कमजोर होने के कारण दर्द होता है। यह मोतियाबिद के शुरुआती लक्षण भी हैं। चेकअप करा लें। इसके अलावा लुब्रिकेंट डालें तथा ताकत के कैप्सूल लें। निश्चित ही आराम मिलेगा।

मेरी माताजी की उम्र 65 वर्ष है। मोतियाबिद का ऑपरेशन हुआ है। दर्द की समस्या है तथा अंधेरा सा छाया रहता है।

सुंदर सिंह, बिसावर

आंख के अंदर द्रव्य होता है, जो कि उम्र के साथ ढीला होने लगता है। बीपी की दवा व अन्य कारणों से द्रव्य हिलता है, जिससे आंखों के आगे अंधेरा सा लगता है। बीपी को कंट्रोल में रखें तथा पर्दे की भी जांच कराएं। इससे रोशनी पर भी खतरा आ सकता है।

आंखें हर समय लाल रहती हैं। सुबह-सुबह पानी निकलता है। क्या करना चाहिए?

संजय सिंह, ताजपुर, मुरसान

एलर्जी के कारण ऐसा हो रहा है। सुबह शाम आंखों में आई-ड्राप डलें। दिन में तीन से चार बार आंखों को धोएं तथा धूल आदि से दूर रहे हैं।

चश्मा लगाने के बाद भी आंखों में जलन रहती है। दर्द होता है।

शिशुपाल सिंह, जरौली कला, सिकंदराराऊ

-हो सकता है कि चश्मे का नंबर बदल रहा हो। एक बार चैक करवा लें। दूसरा आंखों को नियमित धोएं तथा आई ड्राप डालें। एलर्जी के कारण भी यह दिक्कत हो सकती है। इन्होंने भी पूछे सवाल

इन लोगों के अलावा सिकंदराराऊ वाजिदपुर के लखपत सिंह, हाथरस के राकेश सिंह, शिवकुमार शर्मा, शुभम अग्रवाल, अरविद गोस्वामी, सादाबाद के रघुवीर प्रसाद, सासनी के गौतम सिंह आदि ने आंखों से संबंधित सवाल पूछे। आंखों का रखें इस तरह ध्यान

-लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो 20-20 नियम अपनाएं। 20 मिनट बाद कंप्यूटर छोड़कर 20 सेकंड के लिए 20 फीट की दूर तक देखें।

-मोबाइल व टीवी पर बच्चों को दूर रखें।

-हरी सब्जियों, मौसमी फल, दूध व विटामिन युक्त चीजों का सेवन करें।

-लेटकर व कम रोशनी में न पढ़ें। किताबें सीधे बैठकर व भरपूर रोशनी में पढ़ें।

-अकसर लोग रात में घंटों मोबाइल का प्रयोग करतें। इससे बचें। स्मार्ट का फोन करना है तो कमरें में भरपूर रोशनी रखें।

-कंप्यूटर पर काम करते समय एंटीग्लेयर चश्मों का प्रयोग करें।


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