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हर दिल अजीज हुआ कस्तूरबा की बेटियों का बैंड

उपलब्धि -रैली हो या कार्यक्रम कस्तूरबा के बैंड की रहती है धूम -बालिकाएं करती हैं वार्डन की मौजूदगी में बैंड बजाने का अभ्यास

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:57 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 11:57 PM (IST)
हर दिल अजीज हुआ कस्तूरबा की बेटियों का बैंड
हर दिल अजीज हुआ कस्तूरबा की बेटियों का बैंड

(जागरण विशेष)

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उपलब्धि

-रैली हो या कार्यक्रम कस्तूरबा के बैंड की रहती है धूम

-बालिकाएं करती हैं वार्डन की मौजूदगी में बैंड बजाने का अभ्यास

संवाद सहयोगी, हाथरस : सरकार द्वारा बेटी बढ़ाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में बेटियां खुद आगे बढ़कर जिम्मेदारियां निभा रही हैं। हम बात कर रहे हैं ऐसे बैंड की, जिसके संचालन की जिम्मेदारी बेटियों के कंधों पर है। अच्छी बात ये है कि वे बीते दस वर्षो से इसका सफल संचालन कर रही हैं और विद्यालय का नाम रोशन कर रही हैं। ये बैंड है कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हाथरस की छात्राओं का, जिनका समूह कार्यक्रम व रैली आदि को आकर्षक बनाता है।

कस्तूरबा विद्यालयों की स्थिति

जिले के छह ब्लॉक हसायन, हाथरस, मुरसान, सादाबाद, सिकंदराराऊ और सहपऊ में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में पढ़ने वाली गरीब, असहाय और अनाथ बेटियों को कक्षा आठ तक की आवासीय निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है। सिकंदराराऊ विद्यालय टाइप टू का है, जिसमें 50 बालिकाओं का नामांकन होता है, जबकि अन्य पांच कस्तूरबा विद्यालयों में सौ-सौ बालिकाओं के दाखिले की व्यवस्था हो सकती है।

हाथरस कस्तूरबा का अपना बैंड

कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हाथरस में बालिकाओं का एक बैंड वर्ष 2009 में बना है, इसमें 17 बालिकाएं शामिल हैं, जो कि बैंड के जरिए विद्यालय व विभाग का नाम रोशन कर रही हैं। बैंड में शामिल बेटियों द्वारा कक्षाओं के बाद नियमित अभ्यास किया जाता है। वार्डन सुनीता सिंह अपनी मौजूदगी में बैंड टीम को अभ्यास कराती हैं, जो बालिकाएं कक्षा आठ पास करके जाती हैं और वो बैंड टीम में शामिल होती हैं, तो वो अपनी जूनियरर्स को पूरा प्रशिक्षण देकर ही स्कूल से जाती हैं।

कार्यक्रमों में शामिल होती है बैंड टीम

डीएम, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, डीपीआरओ विभाग या फिर बात दाऊजी मेले के शुभारंभ का अवसर हो, अधिकांश जगहों पर कस्तूरबा विद्यालय की बेटियों का बैंड ही होता है। ये बेटियां बैंड की बेहतरीन धुन से रैलियों व कार्यक्रमों को आकर्षक बनाती हैं।

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मिलती है शाबाशी व पुरस्कार

पूर्व में आयोजित हुए पल्स पोलियो, एम आर टीका अभियान रैली, माध्यमिक व बेसिक खेलकूद और दाऊजी महाराज मेले के शुभारंभ में कस्तूरबा हाथरस की बेटियों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है। पूर्व में कई बार बैंड टीम की शानदार प्रस्तुति पर शाबासी और पुरस्कार दिए जा चुके हैं। वार्डन सुनीता सिंह के अनुसार पूर्व जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने बेटियों को बेहतर प्रस्तुति देने पर सम्मानित किया था।

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क्या बोली बालिकाएं

फोटो

बैंड टीम में शामिल होना गर्व की बात है। कार्यक्रमों में अपने जिले के अधिकारियों से मिलने का मौका मिलता है। पढ़ाई के बाद नियमित दो घंटे तक अभ्यास किया जाता है।

शिवानी, छात्रा।

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फोटो

हमारे विद्यालय का बैंड हमें अन्य विद्यालयों से अलग बनाता है। अधिकतर कार्यक्रमों व रैली में प्रस्तुति देने का मौका मिलता है। अधिकारियों द्वारा भी हमारे कार्य को सराहा जाता है।

संध्या, छात्रा।

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क्या बोली वार्डन

फोटो

बैंड टीम में शामिल बालिकाएं शानदार प्रस्तुति देने के कड़ी मेहनत करती हैं। कई बार अफसरों द्वारा बालिकाओं को मंच पर सम्मानित किया जा चुका है। बालिकाओं की वजह से ही अलग पहचान हमारे कस्तूरबा विद्यालय की है।

सुनीता सिंह, वार्डन, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हाथरस


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