हाथरस की मिश्री का भोग लगाएंगे कान्हा
बाजारों में दुकानों पर सजी तरह-तरह की मिश्री जन्माष्टमी पर माखन-मिश्री का लगता है भोग
संवाद सहयोगी, हाथरस : ब्रज में प्रसिद्ध है माखन-मिश्री, और मिश्री से मीठों है राधा को नाम। श्रीकृष्णा जन्माष्टमी पर माखन मिश्री के भोग के बिना यह पर्व अधूरा रहता है। कान्हा को माखन व मिश्री सबसे अधिक प्रिय रही है। शहर के बाजारों में दुकानों पर मिश्री एवं डेयरियों पर माखन व दही का स्टॉक बढ़ने लगा है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस बार बुधवार को मनाया जाएगा। इसके लिए बाजारों में दुकानों पर बालकृष्ण के मुकुट, भोग से संबंधित सामग्री की खूब बिक्री हो रही है। लड्डू गोपाल को बचपन से माखन मिश्री बहुत पसंद रही है। इसीलिए भगवान के मंदिरों में सबसे अधिक भोग माखन मिश्री का ही लगाया जाता है। इसमें धागे वाली मिश्री को सबसे श्रेष्ठ व शुद्ध माना जाता है।
शहर से लेकर देहात तक दुकानों पर कई वैरायटियों में मिश्री की बिक्री की जा रही है। वहीं डेयरी वालों ने पूजा के लिए विशेष रूप से सादा मक्खन का स्टॉक शुरू कर दिया है। डेयरी वाले मक्खन के नमकीन होने से उसका प्रयोग कम किया जाता है। शनिवार व रविवार दो दिन के लॉकडाउन के चलते शुक्रवार को खूब भीड़ रही।
घर में बना सकतें हैं दही व माखन
पौराणिक कथाओं के अनुसार बाल-गोपाल को माखन व दही सबसे अधिक पसंद था। इसके लिए उन्हें मैया से कई बार सजा भी मिली थी। इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले दूध को अच्छी तरह उबाल कर हल्का ठंडा कर उसमें एक चम्मच दही डालकर अच्छी तरह मिलाने से दही बनती है। दही को मिक्सर में डालकर फेंटने से उससे मक्खन अलग हो जाता है। माखन में मिश्री मिलाकर प्रसाद बन जाता है। ये रहा माखन-मिश्री का भाव
उत्पाद, कीमत रुपये प्रति किग्रा
धागे वाली मिश्री, 70
कटिग दाना, 60
थाल वाली, 80
कुंजवाली, 60
केशरवाली, 200
सादा माखन, 450
ब्रांडेड माखन, 480
दही, 70 इनका कहना है
जन्माष्टमी पर्व पर भगवान के भोग के लिए मिश्री व माखन की जरूरत पड़ती है। इसलिए मिश्री व माखन खरीद रहे हैं। इससे ही बालकृष्ण खुश होते हैं।
-कमल वाष्र्णेय, ग्राहक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर दुकानों पर मिश्री का स्टॉक रखा गया है। यह मिश्री शहर में ही बनाई जाती है। मथुरा से भी मिश्री मंगाई गई है।
-गगन दीक्षित दुकानदार पर्व के अवसर पर सबसे अधिक सादा दही व माखन की बिक्री होती है। ब्रांडेड उत्पादों में श्रद्धालुओं द्वारा कम पसंद किया जाता है। माखन की बिक्री शुरू हो गई है।
-मुकुल डेयरी संचालक ठाकुर जी को कूल करेंगे एलईडी के पंखे
चलते समय हरे राम-हरे कृष्ण की आकृति के साथ होगी रोशनी, 150 से 240 रुपये तक हैं पंखे जासं, हाथरस : जन्माष्टमी मनाने की तैयारी घर-घर चल रही हैं। इस मौके पर हिडोले और सजावट के अन्य सामान के साथ पंखों की भी बिक्री हो रही है। बैटरी से चलने वाले इस पंखे में चलते समय नीले रंग की एलईडी लाइट जलती है।
जन्माष्टमी पर सजावट के लिए जहां कोलकाता, सूरत व जयपुर की पोशाकें चल रही हैं, वहीं मथुरा के मुकुट व अन्य सामान उपलब्ध हैं। इन सब सामानों के बीच गर्मी को देखते हुए ठाकुर जी की सेवा के लिए पंखे भी बिक रहे हैं। ये पंखे दो तरह के हैं। साधारण के अलावा एलईडी लाइट में भी उपलब्ध हैं। साधारण किस्म का पंखा 150 रुपये का है जबकि एलईडी लगा पंखा 240 रुपये का है। एलईडी लगे पंखे की खासियत यह है कि जब यह चलता है तब इसमें हरे राम हरे राम- हरे कृष्ण-हरे कृष्ण लिखे हुए रोशनी फेंकते हैं। ये पंखे ठाकुर जी के हिडोले के पास लगाए जाते हैं। यह पंखे दिल्ली से मंगाए जा रहे हैं। विक्रेता ध्रुव कुमार ने बताया कि ग्राहक ठाकुर जी की सेवा के लिए इस पंखे को खरीदते हैं। उनकी आस्था है कि ये ठाकुर जी को गर्मी में राहत देंगे।