Move to Jagran APP

दान में डिस्पेंसरी देकर लिखी बागला अस्पताल की इबारत

बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय चल रहा है बागला परिवार की जमीन पर।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 05:47 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 05:47 AM (IST)
दान में डिस्पेंसरी देकर लिखी  बागला अस्पताल की इबारत
दान में डिस्पेंसरी देकर लिखी बागला अस्पताल की इबारत

केसी दरगड़, हाथरस : अपने लिए तो सभी जीते हैं, मगर जो दूसरों के लिए जीते हैं, वह अमर हो जाते हैं। आज बागला परिवार का नाम जनपद में यूं ही नहीं लिया जाता है। इस परिवार का स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान है। इसी परिवार में जन्मे राय बहादुर सेठ चिरंजीलाल बागला ने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान एक छोटी सी डिस्पेंसरी की स्थापना कर न जाने कितने लोगों को नई जिदगी दी थी। आजादी से पहले स्थापित 25 बेड की डिस्पेंसरी अब 100 बेड के बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय का विशाल रूप ले चुका है। इस अस्पताल में आज महिला अस्पताल से लेकर इमरजेंसी सेवाएं तक चल रही हैं। इस अस्पताल से रोजाना जनपद की चारों तहसीलों के सैकड़ों लोग स्वास्थ्य सेवाएं लेकर लाभान्वित हो रहे हैं। इसी परिवार के सदस्य समाजसेवी शशिकांत बागला बताते हैं कि यह बात आजादी से पहले की है। अस्पताल के लिए भवन व जमीन अंग्रेजों को दान में दे दी थी। उस समय अंग्रेज सरकार ही उसे चलाती थी।

loksabha election banner

शशिकांत बागला बताते हैं कि आजादी से पहले दादा स्वर्गीय राय बहादुर सेठ चिरंजीलाल बागला ने सोचा था कि आम लोगों की जरूरत को देखते हुए सस्ती दर पर स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की जाएं, क्योंकि उस समय सरकारी अस्पताल नहीं हुआ करते थे। लोग निजी हकीम-वैद्य, डाक्टर पर निर्भर हुआ करते थे। इसी दौरान बागला परिवार ने अपनी खाली जगह में भवन बनवाकर 1914 में एक 25 बेड की डिस्पेंसरी शुरू कराई थी। इसका नाम चिरंजीलाल बागला डिस्पेंसरी रखा गया था। 1920 के आसपास अंग्रेज सरकार को इस डिस्पेंसरी को दान में दिया गया था। आजादी के बाद प्रदेश सरकार के अधीन यह अस्पताल हो गया। धीरे-धीरे इसकी उपयोगिता बढ़ती गई। और इसका विस्तार होता चला गया।

डिस्पेंसरी का सफर : उस समय कुछ कमरों में डिस्पेंसरी चलती थी। पुरानी बिल्डिग को तोड़कर नई बिल्डिग बनाई गई है। महिला और पुरुषों का अस्पताल एक ही परिसर में अलग-अलग चल रहा है। अब इसमें ओपीडी के अलावा इमरजेंसी सेवाएं भी चल रही हैं। जनपद के करीब 1400-1500 मरीज रोजाना ओपीडी का लाभ ले रहे हैं। यह बात अलग है कि ठंड के कारण मरीजों की संख्या अब कम हो गई है। ओपीडी में मरीजों का आनलाइन पंजीकरण किया जाता है। महिला व पुरुष मरीजों के लिए अलग से दवाओं के काउंटर बनाए गए हैं।

आधुनिक सुविधाएं : दो मंजिला बिल्डिग में बने इस अस्पताल में कई आधुनिक सुविधाएं है। बच्चा वार्ड, बर्न वार्ड के अलावा अन्य वार्ड बने हुए हैं। आधुनिक सुविधाओं के साथ यहां पर खून से लेकर अन्य सभी तरह जांच की सुविधा उपलब्ध है। एक्सरे व अल्ट्रासाउंड भी होते हैं। इसी परिसर में अब महिला चिकित्सालय भी चल रहा है। अब इस अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का पता करने के लिए आरटीपीसीआर की जांच भी हो रही है। आक्सीजन का प्लांट स्थापित हो गया है। आने वाले समय में इस अस्पताल में गुर्दा के रोगियों के लिए डायलिसिस की सुविधा भी मिल सकेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.