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मंगल पर भारी बर्फीली हवाओं का वार

सीजन का सबसे ठंडा दिन जनजीवन ठिठुरा गया छह डिग्री पहुंचा तापमान।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 03:38 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 03:38 AM (IST)
मंगल पर भारी बर्फीली हवाओं का वार
मंगल पर भारी बर्फीली हवाओं का वार

जागरण संवाददाता, हाथरस : सर्दी के इस सीजन में मंगलवार सबसे ठंडा रहा। न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह से छाया कोहरा पूरे दिन असर दिखाता रहा। दिन भर चलीं बर्फीली हवाओं के कारण लोग घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। अभी कुछ दिन और ऐसा ही मौसम रहने की संभावना जताई जा रही है।

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नया साल शुरू होने के बाद से कई बार मौसम में उतार-चढ़ाव दिखाई दिया। कभी दिन में खिली धूप का एहसास कराया तो वहीं रुक-रुककर बारिश भी झेलनी पड़ी। कोहरा और कड़ाके की ठंड के कारण सूर्यदेव की भी नहीं चली। अब हाल यह है कि चार दिन से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो रहे हैं। हालात इस कदर हो गए हैं कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक एक सा मौसम दिखाई दे रहा है। इस बीच लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों से लदे होने के अलावा अलाव और रूम हीटर के सहारे बैठे दिखाई दे रहे हैं। अलाव से हटते ही बर्फीली हवाएं चुभने लगती हैं। सरकारी दफ्तरों में भी अफसर और कर्मचारी रूम हीटर के सहारे कामकाज निपटाते नजर आए। फरियादियों की संख्या औसत दिनों में कम रही। ठंड के कारण बाजारों में दुकानदार भी ग्राहक न आने के कारण अलाव तापते दिखाई दिए। सिर्फ गर्म कपड़े, रूम हीटर, अंडे, मूंगफली, गुड़ व गजक की दुकानों पर ही भीड़ दिखाई दी। हाईवे और मुख्य मार्गों पर आम दिनों की तुलना में आवागमन कम हो गया है। ²श्यता कम होने के कारण वाहनों को दिन में भी लाइट जलाकर चलना पड़ रहा है। सोमवार की तुलना में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम छह डिग्री रिकार्ड किया गया। अभी कुछ दिन और खराब रहेगा मौसम

मौसम विभाग से संकेत मिल रहे हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के जनपदों में मौसम बिगड़ रहा है। अभी 25 जनवरी तक इसी तरह का मौसम रहने के कारण बारिश होने की संभावना भी जताई जा रही है। 22-23 जनवरी को बारिश होने पर हालात और खराब हो सकते हैं। नहीं जलवा रहे अलाव

सादाबाद में नगर पंचायत की ओर से अभी तक सभी जगह अलाव नहीं जलवाए गए हैं, जबकि गैस हीटर भीषण ठंड में नाकाफी साबित हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिलाधिकारी ने शहर में जगह-जगह अलाव जलाने को कहा है, जबकि कर्मचारी गैस हीटर अलग-अलग जगह पर लगवा दिए जाने की बात कहकर अलावों से पल्ला झाड़ रहे हैं। लोग निजी संसाधनों से अलाव की व्यवस्था कर रहे हैं जो अपर्याप्त हैं। अन्य कस्बों की भी ऐसी ही स्थिति है।

आलू में झुलसा रोग और

सरसों में माहू का खतरा

ठंड का मौसम वैसे गेहूं के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन इस बार गेहूं में भी रोग लगने की शिकायतें मिल रही हैं। कृषि वैज्ञानिक डा. रामपलट का कहना है कि आलू में एलोरस्ट की शिकायत मिल रही है। इसमें पौधे की पत्तियां पीली पड़ रही हैं। वहीं आलू पिछैती झुलसा की चपेट में आ चुका है। इसके अलावा सरसों में माहू का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में किसानों को सलाह दी जा रही है कि दवाओं का इस्तेमाल करें। आने वाले समय में मौसम और खराब रहने के कारण फसलों पर ध्यान देने की जरूरत है। मैंकोजेब के अलावा इमेडाक्लोपिड सात एमएल प्रति टंकी व एजोक्सी और टेबुकोनाजोल और हेक्साकोनाजोल 300 एमएल प्रति एकड़ का छिड़काव कर सकते हैं।


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