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मंडी में रुकी फसलों की आवक, खाली लौट रहे पल्लेदार

घर से खाना लेकर मंडी में आने वाले पल्लेदारों को शाम तक इंतजार करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 12:11 AM (IST)
मंडी में रुकी फसलों की आवक,  खाली लौट रहे पल्लेदार
मंडी में रुकी फसलों की आवक, खाली लौट रहे पल्लेदार

संवाद सहयोगी, हाथरस: घर से खाना लेकर मंडी में आने वाले पल्लेदारों को शाम तक इंतजार करने के बाद खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। मंडी में फसलों की आवक कम होने से पल्लेदारों के सामने रोजगार का संकट बना हुआ है।

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अलीगढ़ रोड स्थित मंडी समिति जिले की सबसे बड़ी मंडी है। इसमें गल्ला व सब्जी मंडी सहित दो मंडियां बनी हुई हैं। इनमें गल्ला मंडी में आढ़त की दुकानों पर पल्लेदार लगे हुए हैं। इनका कार्य दुकानों पर आई किसानों की फसल को बिक्री के बाद बोराबंदी करना व पल्लों के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाना है। इसमें फसल को गोदामों के अलावा वाहनों में लदान भी किया जाता है। इससे मंडी में पल्लेदारों को मजदूरी मिलती है। इससे धान, बाजरा व गेहूं की फसलों के सीजन में एक पल्लेदार 500 रुपये तक कमा लेता है। अब फसलों की आवक कम होने पल्लेदारों को काम नहीं मिल रहा है।

काम की तलाश में आ रहे हैं करीब 500 पल्लेदार

मंडी समिति में करीब 200 दुकानें बनी हुई हैं। इन पर जिले हाथरस, सासनी, सिकंदराराऊ व सादाबाद तहसील क्षेत्रों के अलावा सटे हुए अन्य जिलों के क्षेत्रों से भी अनाज की फसलें आती हैं। इससे करीब 1000 पल्लेदारों को रोजगार मिलता है। फसलों की आवक कम होने से मंडी में पल्लेदारों की संख्या भी कम हो गई है। इससे मंडी में करीब 50 दुकानें ही खुल रही हैं।

इनका कहना है:

मंडी में पल्लेदारी करने के लिए आते हैं। फसलों नहीं आने से काम नहीं मिल रहा है। इससे घर का खर्चा चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

- हरिओम सिंह, पल्लेदार

करीब 5 वर्षों से मंडी में पल्लेदारी का कार्य कर रहे हैं। इससे ही घर का खर्च चलता है। शाम तक इंतजार करने पर काम नहीं मिल रहा है।

- कालीचरन, पल्लेदार

मंडी से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। यहां पर काम करने के लिए पल्लेदार आते हैं। इस सीजन में काम कम होने सब परेशान हैं।

- शालू, पल्लेदार

इस समय फसलें नहीं आने से अधिकतर पल्लेदारों ने मंडी आना बंद कर दिया है। अनाज नहीं आने से अधिकतर दुकानों पर काम नहीं है।

- गुड्डू, पल्लेदार।


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