Hathras Case: निर्भया की वकील सीमा को पीड़िता के गांव जाने से रोका गया, बोलीं-मुझे पेट्रोल डालकर जला दो
Hathras Case पीड़िता का गांव सील होने से सीमा कुशवाहा को पीड़िता के गांव नहीं जाने दिया गया। इससे वह नाराज हो गईं और बोलीं कि मुझे बेटी के स्वजनों से मिलने दो नही जा रहा है तो मुझे भी पेट्रोल डालकर जिंदा जला दो।
हाथरस, जेएनएन। बर्बरपूर्वक पिटाई से हाथरस के चंदपा के गांव बूलगढ़ी की गुड़िया (काल्पनिक नाम) की 15वें दिन मौत के बाद अब राजनीति चरम पर है। विख्यात निर्भया केस में दोषियों को सजा दिलाने वाली सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा कुशवाहा ने गुड़िया का केस लड़ने के साथ ही दोषियों को सजा दिलाने की ठान ली है।
हाथरस में धारा 144 लागू होने के साथ ही जिले की सीमा तथा पीड़िता का गांव सील होने से सीमा कुशवाहा को पीड़िता के गांव नहीं जाने दिया गया। इससे वह नाराज हो गईं और बोलीं कि मुझे बेटी के स्वजनों से मिलने दो नही जा रहा है तो मुझे भी पेट्रोल डालकर जिंदा जला दो।
हाथरस में दबंगों की बर्बरतापूवर्क पिटाई के बाद मृत गुड़िया को इंसाफ दिलाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की मशहूर वकील सीमा समृद्धि ने ली है। सीमा अब हाथरस दुष्कर्म कांड मामले में केस लड़ेंगी, वह भी बिना फीस लिए। इसके लिए वह आज हाथरस जाकर दुष्कर्म कांड के पीड़ित परिवार से भी मुलाकात करने के इरादे से पहुंची थीं।
सीमा समृद्धि ने निर्भया केस भी लड़ा था और अंत में चारों दरिंदों (मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा) को 20 मार्च को फांसी दिलाई थी। दिल्ली के निर्भया कांड में सीमा समृद्धि के प्रयासों के चलते ही चारों दोषियों को फांसी मिल सकी था, ऐसे में यदि वो इस मामले को हाथ में लेती हैं, तो हाथरस पीडि़ता को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी। सीमा समृद्धि बिना कोई फीस लिए हाथरस दुष्कर्म कांड मामले का केस लड़ेंगीं।सीमा कुशवाहा ने हाथरस केस लड़ने की इच्छा जताई है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में 19 वर्ष की एक दलित लड़की की मौत के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। परिवार वालों का आरोप है कि दरिंदों ने पीड़िता की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी और उसकी जीभ भी काट दी थी। पीड़िता ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।