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गौरव के साथ चली गई आत्महत्या की वजह भी

उज्जैन से मंगलवार तड़के पहुंचा हींग कारोबारी का शव अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ गम का पहाड़ -परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल घटना को लेकर दिखा आक्रोश -जीआरपी के शिकंजे में आने के बाद परिजनों से संपर्क नहीं किया

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 06:09 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 06:09 AM (IST)
गौरव के साथ चली गई आत्महत्या की वजह भी
गौरव के साथ चली गई आत्महत्या की वजह भी

जागरण संवाददाता, हाथरस : उज्जैन से मंगलवार तड़के छह बजे हींग कारोबारी गौरव बंसल का शव घर पहुंचा। परिजन बेहाल थे। गौरव घर से हंसी-खुशी इंदौर के लिए रवाना हुए थे मगर छठवें दिन उनका शव पहुंचा। उन्हें शांत पड़ा देख परिजनों ने झकझोरा, बात न करने पर उलाहना भी दी। यह सब देख वहां मौजूद लोग अपने आंसू नहीं रोक सके। गमगीन माहौल में मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया।

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हाथरस के गिर्राज कालोनी के हींग कारोबारी गौरव बंसल (40) गुरुवार को तगादे पर इंदौर गए थे। वहां से शुक्रवार को शाम चार बजे ट्रेन से वापसी के दौरान जीआरपी ने उन्हें पकड़ा। उनके पास से 19 लाख रुपये बरामद होने पर इनकम टैक्स विभाग ने रात डेढ़ बजे तक पूछताछ की थी। इससे परेशान गौरव ने उज्जैन के होटल में जाकर खुदकशी कर ली थी।

रविवार देर शाम उज्जैन के होटल प्रीति में शव मिलने के बाद सोमवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद शाम चार बजे उनके भाई, चाचा व अन्य करीबी शव लेकर घर के लिए रवाना हुए थे। सड़क मार्ग से मंगलवार को सुबह छह बजे शव घर पहुंचा। शव आते ही यहां चीख-पुकार मच गई। गौरव का आखिरी बार चेहरा देख परिजन बदहवास हो गए। घर पर सैकड़ों की संख्या में रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी व व्यापारी मौजूद थे। शव कुछ देर के लिए ही घर पर रखा गया। औपचारिकता पूर्ण करने के बाद सुबह लगभग सात बजे शवयात्रा निकली। शव वाहन के जरिए शव को पत्थरवाली श्मशानगृह ले जाया गया। अंत्येष्टि के दौरान भी सैकड़ों लोग मौजूद रहे। लोगों ने राकेश बंसल व उनके परिवार को ढाढ़स बंधाया। इस घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। जिले में इस प्रकरण की चर्चा है। खासकर व्यापारी वर्ग में। सभी जानते हैं कि 19 लाख रुपये इतनी बड़ी रकम नहीं कि गौरव बंसल उसके लिए इस तरह का कदम उठाते।

संभावना है कि पुलिस व इनकम टैक्स की बातें उनके दिल को लगीं, जिससे वे टूट गए। यदि ऐसा भी होता तो कम से कम एक बार तो उन्होंने अपने पिता, भाई या पत्नी को कुछ बताया होता। तगादे के बाद गौरव हाथरस लौटने के लिए ट्रेन में बैठ गए थे। जो कुछ उनके साथ हुआ, जीआरपी के हत्थे चढ़ने के बाद ही हुआ। वहीं हुई ऐसी कोई बात घर कर गई, जिसके बाद उन्होंने परिवार से भी संपर्क नहीं किया और जीवन त्याग देने का निर्णय ले लिया। सवाल कई हैं तथा लोग संभावना भी तरह-तरह की जता रहे हैं, लेकिन सच गौरव के साथ ही चला गया। भाई शुभम बंसल और बेटा प्रभव बंसल ने मुखाग्नि दी।

मानवाधिकार आयोग में की शिकायत

हाथरस : आरटीआइ कार्यकर्ता गौरव अग्रवाल ने हींग कारोबारी गौरव बंसल मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की है। प्रकाशित खबरों की कटिग भी भेजी है। उन्होंने मानवाधिकार आयोग व सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। प्रकरण में जांच बैठाकर गौरव बंसल की आत्महत्या की वजह व उसके लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ई-मेल के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को भी शिकायत की है।


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