रसोई में 'आग' लगा रही गैस की बढ़ती कीमत
हर महीने बढ़ रही गैस की कीमतों से गरीब परेशान - अब सात सौ दो रुपये का हो गया घरेलू सिलेंडर
संवाद सहयोगी, हाथरस : रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने गरीबों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। इस महीने तो घरेलू उपयोग वाले सिलेंडर की कीमतों में दस रुपये से अधिक की बढ़ोत्तरी की गई है। पिछले पांच माह से लगातार गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने से ही गैस की कीमतें बढ़ रही हैं।
चुपके से बढ़ती है कीमत
चुपके से बढ़ने वाली इन कीमतों का पता उपभोक्ता को गैस का बिल देखने के बाद पता चलता है। पिछले महीने रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू प्रयोग वाले सिलेंडर की कीमत 689 रुपये थी, जो इस माह करीब 702 रुपये 50 पैसे हो गई है। इसमें एक साथ करीब 13 रुपये से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं इसके व्यवसायिक सिलेंडर की कीमत 1238 रुपये हो गई है। गैस की यह कीमत भारत गैस एजेंसी की बताई जा रही हैं।
ऐसे बढ़ीं कीमतें
माह 14.2 किग्रा. 5 किग्रा. व्यवसायिक सिलेंडर
अगस्त 594 217 1036.50
सितंबर 599.50 223 1087
अक्टूवर 612.50 227 1111.50
नवंबर 689 255 1230.50
दिसंबर 702.50 259.50 1238
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गरीबों से दूर हो रही रसोई गैस
रसोई गैस सभी के लिए बहुत उपयोगी है। इसके प्रयोग करने से प्रदूषण कम होता है। इसका प्रयोग सभी को करना चाहिए। कुछ इस तरह की प्रेरणा देते हुए सरकार ने घर-घर रसोई गैस पहुंचा दी है। उज्जवला योजना के तहत लोगों को निश्शुल्क सिलेंडर भी बांटे गए थे। महंगे सिलेंडर के चलते गरीब वर्ग द्वारा सिलेंडर लेने से बच रहा है।
घर का बजट बिगाड़ रहीं कीमतें
रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी रसोई घर का बजट बिगाड़ रही है। गृहणियों का मानना है कि रसोई गैस सभी की सबसे बड़ी जरूरत है। दिन प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई में रसोई गैस को तो दूर रखना जरूरी है।
क्या कहती हैं गृहणियां
रसोई गैस की कीमतों को भी सरकार कम नहीं कर पा रही है। हर महीने कीमत बढ़ने से घर का बजट बिगड़ रहा है। रसोई गैस की कीमतों को कम रखकर सरकार गरीबों को सहूलियतें दे सकती है।
-साधना गृहणी
रसोई गैस का प्रयोग करने पर सरकार जोर दे रही है। वहीं कीमतें बढ़ाकर लोगों को परेशान किया जा रहा है। इस महीने तो तेरह रुपये तक बढ़ा दिए हैं। घरेलू सिलेंडर की कीमतों पर सरकार को लगाम लगानी चाहिए।
- श्रीमती वीना
वर्जन
रसोई गैस की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती हैं। यह कीमतें महीने के अंत में ही तय होती हैं। वही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में प्रति दिन उतार-चढ़ाव होता रहता है।
- प्रकाश मीणा प्रादेशिक प्रबंधक एलपीजी प्लांट, सलेमपुर