साफ-सफाई की मिसाल बना गंगचौली गांव
हाथरस में इकलौता आदर्श पंचायतघर है गांव में केंद्रीय मंत्री के हाथों सम्मान पा चुके हैं प्रधान
जागरण संवाददाता, हाथरस : हाथरस का गांव गंगचौली भी साफ-सफाई के मामले में शहर को आईना दिखा रहा है। वहां शहर से बेहतर सफाई व्यवस्था है। प्रधान ने गांव में सुंदर पंचायतघर बनाया है अफसर जिसकी तारीफ करते नहीं थकते। प्रधान ने पंचायतघर को मिनी सचिवालय का नाम दिया है। गांव की सभी गलियां पक्की हैं और रोजाना साफ-सफाई होती है। यही कारण है साफ-सफाई के लिए प्रधान नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय मंत्री के हाथों सम्मान पा चुके हैं।
गांव में बेहतर साफ-सफाई
ब्लाक हाथरस के गांव गंगचौली की आबादी 3500 है। यहां प्रधान गौरव प्रताप सिंह हैं जो स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे गांव की साफ-सफाई पर विशेष जोर देते हैं। उन्होंने गांव-गांव में डस्टबिन रखवा दी है, जिनमें आने वाले कूड़े का निस्तारण कराते हैं। वह अपने कार्यकाल में गांव की सभी गलियों को पक्का करा चुके हैं, ताकि जलभराव जैसी समस्या का सामना न करना पडे़। इसके अलावा गांव में कूड़े कचरे का भी प्रधान समाधान करा रहे हैं। गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग एकत्रित कराकर उसे निस्तारित किया जाता है। गांव में नियमित सफाई होती है। गांव के लोग भी खुद साफ-सफाई में सक्रिय रहते हैं। मकानों के बाहर नालियां चोक न रहे, इसके लिए लोग साफ-सफाई पर ध्यान देते हैं।
आकर्षक पंचायतघर : गंगचौली में प्रधान ने पंचायत घर में ऐसा निर्माण कराया है कि पूरे जनपद में नजीर बन गया है। पंचायतघर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। चित्रकारी देखते ही बनती है। बेहतरीन लाइटिग कराई गई है। ऐसा पंचायतघर पूरे जनपद में नहीं है। मंडल से इकलौते प्रधान को सम्मान
गांव में साफ-सफाई और आदर्श पंचायतघर बनाने से खुश मंडलीय अफसरों ने हाथरस जनपद से गंगचौली के प्रधान गौरव प्रताप सिंह का नाम नई दिल्ली विज्ञान भवन के लिए भेजा था। प्रधान को कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह ने सम्मानित किया था।
कुछ कसक है बाकी :
प्रधान को एक कसक है कि वह अभी गांव से मेंडू रोड को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण नहीं करा पाए। सड़क का निर्माण कराने के लिए डीएम, कमिश्नर के अलावा कई मंत्रियों से मिल चुके हैं। गंगचौली पर एक नजर
3500 की आबादी वाला गांव है गंगचौली।
1545 मतदाता हैं पूरे गांव में।
02 आंगनबाड़ी केंद्र हैं गांव में।
192 ओडीएफ के तहत बनवाए गए थे शौचालय।
50 इंडिया मार्का टू हैंडपंप हैं गांव में।
52 लोगों को दिला चुके हैं वृद्धावस्था पेंशन।
40 महिलाओं को मिला है वृद्धावस्था पेंशन। ----------------- सूखे कूड़े का रिसाइकिल
और गीले से बनेगी खाद
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डोर टू डोर कूड़ा संग्रह के तहत घरों से 30 रुपये व दुकानदारों से 100 रुपये प्रति माह का शुल्क लिया जाएगा। इसमें गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करते हुए देना होगा। इधर-उधर कूड़ा फेंकते पकड़े जाने पर घरों से 250 व दुकानदारों से 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर पालिका हाथरस द्वारा मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी संयत्र शहर में घास की मंडी में लगाया जाएगा। इसमें सूखे कूड़े को रिसाइकिल कर उसे ब्लॉक में रख बेच दिया जाएगा। गीले कूड़े को सीवेज फार्म पर गड्ढों में दबाकर खाद बनाया जाएगा। उस खाद को पैकेटों के रूप में सस्ती दरों में बेचा जाएगा।
-डॉ.विवेकानंद गंगवार, ईओ हाथरस