पूर्व विधायक ने दी गांव छोड़ने की चेतावनी
गांव के लोगों की भलाई की खातिर पूर्व विधायक ने प्रशासन पर लगाया गांव के लोगों की उपेक्षा का आरोप।
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ में पूर्व विधायक सुरेश प्रताप गांधी ने आरोप लगाया है कि उनका गांव होने के कारण महमूदपुर के लोगों को सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। यह अन्याय पूर्ण है। यदि प्रशासन चाहे तो वह स्थानीय लोगों की भलाई के लिए अपना गांव छोड़कर कहीं और बसने के लिए तैयार हैं।
पूर्व विधायक गांधी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि सार्वजनिक हित के कार्यों में प्रशासन का सहयोग अपेक्षित होता है, परंतु सिकंदराराऊ क्षेत्र में प्रशासन की उपेक्षा से जनहित के आवश्यक कार्य नहीं हो पा रहे हैं। जैसे सिकंदराराऊ में रोडवेज बस स्टैंड की स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध न कराने से अब तक नहीं हो सका है। सरकारी योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को वंचित करने के संबंध में जयवीर पुत्र महेश सिंह निवासी खेड़िया टप्पा का उदाहरण देते हुए कहा कि पात्रता सूची में नाम दो वर्षों से लंबित होने के बावजूद इस आवास विहीन व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना की सुविधा नहीं दी गई, क्योंकि जयवीर उनके पास रहता था। क्षेत्रीय विधायक के पुत्र व उनके प्रतिनिधि गांव महमूदपुर गए थे और हत्या करके मारी गई गरीब महिला के परिवार को सहायता दिलवाने का आश्वासन देकर आए थे। फिर भी इस पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता इसलिए नहीं दी गई कि यह परिवार सुरेश प्रताप गांधी के गांव का है। क्षेत्र के पशु चिकित्सालय में तीन वर्षों से तैनात पशु चिकित्सक, कर्मी पशु चिकित्सालय नहीं आते हैं। क्षेत्र के गरीब लोगों के पशुओं की मौत होती रही, लेकिन बुलाने पर भी पशु चिकित्सक नहीं आए। जिलाधिकारी कभी भी पशु चिकित्सालय का निरीक्षण करा लें, पशु चिकित्सक मौजूद नहीं मिलेंगे। महमूदपुर गांव में प्राथमिक स्कूल, जूनियर हाई स्कूल एक ही परिसर में स्थित हैं। इन भवनों में से किसी में भी महमूदपुर के अतिरिक्त मतदाताओं के लिए दूसरा बूथ बनाकर ठाकुर जाति के मतदाताओं को मतदान से वंचित करने के लिए इन मतदाताओं को दूसरे गांव के मतदान केंद्र से अनुचित रूप से जोड़ दिया गया है। पूर्व विधायक ने कहा कि वह सामाजिक कार्य छोड़कर जिले से बाहर रहने को तैयार हैं। प्रशासन से प्रार्थना है कि उनके कारण उनके क्षेत्र के लोगों को प्रताड़ित न किया जाए।