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अनियंत्रित गति और एलपीजी की वजह से लगी आग

देखते ही देखते आग का गोला बन गई एलपीजी संचालित कार क्रॉसर- सिलिडर फटने की आशंका से कार के पास नहीं जा सके लोग

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 01:14 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 06:02 AM (IST)
अनियंत्रित गति और एलपीजी की वजह से लगी आग
अनियंत्रित गति और एलपीजी की वजह से लगी आग

जासं, हाथरस : आगरा-अलीगढ़ हाइवे पर हादसे के बाद कार में आग लगने से काफी देर तक अफरातफरी मची रही। सिलिडर फटने की आशंका के चलते कोई भी कार के पास नहीं जा सका। कारों की ओवर स्पीड के कारण यह हादसा हुआ। मारुति वैन एलपीजी गैस से संचालित होने के वजह से वैन को आग का गोला बनते देर न लगी।

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चश्मदीदों की मानें तो पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे अचानक कारों में भिड़ंत हुई। इसके तुरंत बाद ही कार में आग लग गई। कार सवार इधर-उधर निकलकर भागे। तभी अनिल को आगरा की तरफ से आ रहे वाहन ने टक्कर मार दी। आग बढ़ती ही चली गई। सात में से तीन लोग बाहर आ चुके थे। दुल्हन डौली, ड्राइवर लखन और रामू कार में फंसे हुए थे। परिवारीजनों और राहगीरों की मदद से जल्द से जल्द डौली को ही बाहर निकाला जा सका। वह भी काफी झुलस गई। कार मे फंसे होने के कारण रामू और लखन चीखते रहे लेकिन उन्हें कोई बचा नहीं सका। उधर, लोगों में डर था कि कार में पीछे रखा सिलिडर फट न जाए। इस वजह से भी लोग कार से दूर खडे़ हो गए थे। आगे की लपटों के बीच दोनों की चीखें दबती चली गईं और हमेशा के लिए खामोश हो गईं। चंदपा कोतवाली के एसएचओ प्रदीप कुमार, सादाबाद के डीके सिसौदिया पुलिस टीम के साथ स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे रहे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी भी टीम के साथ घटना स्थल पर रहे।

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डीएम-एसपी मौके पर पहुंचे

हादसे के बाद एसपी विक्रांतवीर मौके पर पहुंचे और छानबीन की। पूरी घटना के बारे में जानकारी ली। इसके बाद डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार भी घटनास्थल पर पहुंचे। एएसपी प्रकाश कुमार, सीओ योगेश कुमार भी घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे। बमुश्किल निकाले शव

आग में जलने के कारण पुलिस कर्मियों ने शव को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जले हुए शव सिकुड़कर छोटे से हो गए थे। लोहे के रोड के सहारे कार से शवों को बाहर निकाला जा सका। शव को पॉलीबैग में पैक कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।

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आखिर कैसे टल जाती मौत

जासं, हाथरस : शहर से सटे गांव नगला तंदुला में अपनी ससुराल आई डौली को ले जाने के लिए उसके पति धीरज व देवर मुकुल के अलावा उनके ननदोई अनिल व उनके चचेरे भाई आए थे। बात चल रही थी कि इतने लोग कैसे जाएंगे। पहले तय हुआ कि छह लोग तो हैं। दो मोटरसाइकिलों से सभी आराम से चले जाएंगे। दरवाजे पर जाने के लिए दो मोटरसाइकिल तैयार खड़ी थीं। अचानक मन बदला। फिर तय हुआ कि अब कार से ही जाएंगे। फोन कर गांव के ही लाखन से मारुति वैन मंगा ली गई। गैस कम होने पर घर से ही कुकिग गैस सिलिडर रखकर वैन से राजी खुशी निकल पड़े। जैसे ही थाना चंदपा क्षेत्र के बिसाना के पास पेट्रोल पंप के पास पहुंचे तो यह हादसा हो गया। हादसे की खबर मिली तो सब यही कह रहे थे कि वैन की स्पीड तेज थी और एक बार पलटते ही उसमें आग लग गई थी। यदि सभी लोग मोटरसाइकिल से जाते तो शायद जान बच सकती थी। छालों ने मिटा दी हाथों की मेहंदी

जासं. हाथरस : ससुराल से सज संवर कर मायके के लिए चली डौली को क्या पता था कि जिन हाथों पर उसने मेहंदी लगाई है वह आग से पड़े छालों से मिट जाएगी। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती डौली घटना को भूल नहीं पा रही थी। उसके पति धीरज और देवर मुकुल भी भर्ती थे। मुकुल के हाथ में चोट थी लेकिन धीरज रो रोकर घटना को बयां कर रहा था। जब डॉली को बर्न वार्ड में ले जा रहे थे तब धीरज भी उसके पीछे रोता हुआ चल पड़ा। हालत गंभीर होने पर डॉली को आगरा रेफर कर दिया।

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एक सप्ताह पहले ही खरीदी थी कार

वैन से टकराई ईको स्पो‌र्ट्स कार एक सप्ताह पहले ही खरीदी थी। हादसे के बाद एयर बैग के कारण कार सवारों को हल्की चोटें आईं। कार सवार परिवार खंदौली से अलीगढ़ जा रहा था। कार में तीन वर्ष की बच्ची भी थी। चालक मौके से भाग निकला। कार चालक के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।


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