किसानों ने खाद की खातिर किया हंगामा
तमाम प्रयासों के बाद भी खत्म नहीं हो रहा खाद का संकट जबकि विभाग का दावा है कि जिले में उपलब्ध है भरपूर खाद।
जासं, हाथरस : पूरे जनपद में खाद की किल्लत दूर होने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को भी समितियों पर खाद आते ही किसानों की भीड़ टूट पड़ी और पहले खाद पाने के लिए सहपऊ की एक दुकान पर हंगामा खड़ा हो गया। सूचना पर पुलिस और एसडीएम आ गए और किसानों को लाइन में लगवाकर खाद का वितरण कराया।
सहपऊ में मारामारी : सहपऊ क्षेत्र में डीएपी खाद की किल्लत खत्म नहीं हुई है। किसानों को खाद दे तो रहे हैं मगर जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है। किसान सरकारी रेट से भी अधिक मूल्य पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। रेट से अधिक मूल्य पर खाद बिकने की सूचना पर एसडीएम सादाबाद विपिन कुमार शिवहरे एवं राजस्व विभाग की टीम ने क्षेत्र के गांव जलेसर रोड मानिकपुर पर सोमवार की रात को जाकर शुभम ट्रेडर्स खाद भंडार पर चेकिग की थी। एसडीएम ने अपनी देखरेख में वहां रखे खाद के बैग को गिनती करके रखवाया और दुकानदार को निर्देश दिया कि मंगलवार की सुबह किसी अधिकारी की देखरेख में ही नियमानुसार वितरण कराया जाए। मंगलवार की सुबह नायब तहसीलदार रामगोपाल की देखरेख में खाद का वितरण किया गया।
इधर, क्षेत्र के गांव गुतहरा में मंगलवार की सुबह आत्म निर्भर सहकारी समिति पर खाद के वितरण को लेकर किसानों ने काफी हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख सचिव ने खाद वितरण बंद कर दिया और पुलिस भी वहां से गायब हो गई। खाद वितरण बंद होने की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी के निर्देश पर क्षेत्रीय लेखपाल नरेंद्र देव व कृषि रक्षा अधिकारी प्रमोद त्यागी ने आकर किसानों को समझाया तब कहीं जाकर खाद का वितरण शुरू हुआ। कालाबाजारी का आरोप
हसायन सहकारी समिति पर खाद न होने के बाद भी किसानों की भीड़ लगी रही। किसानों ने संबंधित अधिकारियों की उदासीनता से कस्बे के बाजार में खाद की कालाबाजारी के आरोप लगाए हैं। बाजार में हर कट्टे के साथ हजार पंद्रह सौ रुपये की अन्य सामग्री लेने के बाद ही डीएपी दी जा रही है।
भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के जिलाध्यक्ष राम जादौन का कहना है कि प्रशासन का बाजार में अवैध रूप से बेची जा रही डीएपी के प्रति कोई ध्यान नहीं है। सासनी में निराश हो लौटे किसान
संसू, सासनी : यहां खाद की दुकानों पर सुबह से ही लाइन लग जाती है, लेकिन शाम को किसान मायूस होकर लौटते रहे हैं। बाजार में 1200 रुपये के स्थान पर 1400 रुपये में डीएपी की बोरी मिल रही है। मजबूर होकर किसान को कालाबाजारी में खाद खरीदना पड़ रहा है। वर्जन--
मंगलवार की सुबह से ही खाद के लिए चक्कर लगा रहा हूं, सब काम छोड़कर लाइन में खड़ा हूं, लेकिन खाद मिलने की उम्मीद नहीं है।
कृष्ण गोपाल खाद न मिलने के कारण गेहूं एवं आलू की बोआई पिछड़ रही है, लेकिन दुकानों पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। मंगलवार की सुबह से ही दुकान पर खडा हूं लेकिन खाद नहीं मिला।
मुकेश कुमार।