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सादाबाद में पकड़ा नकली दूध बनाने का अड्डा

शिकायत पर एफएसडीए ने की छापेमारी बड़ी मात्रा सिथेटिक दूध बनाने का सामान मिला बड़ी कार्रवाई मौके से लिए छह नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए सामान जब्त हाथरस रोड पर भी एक दूध टैंकर को रुकवाकर उसके नमूने लिए हैं

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 12:40 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 12:40 AM (IST)
सादाबाद में पकड़ा नकली दूध बनाने का अड्डा
सादाबाद में पकड़ा नकली दूध बनाने का अड्डा

संवाद सूत्र, हाथरस : सादाबाद तहसील क्षेत्र के गांव मढ़नई में बुधवार को एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) की टीम ने छापा मारा। यहां एक दूधिया के यहां से अधिकारियों को नकली दूध बनाने का जखीरा मिला। टीम ने मिश्रित दूध, क्रीम, स्किम्ड मिल्क पाउडर, पॉम ऑयल के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इसके अलावा हाथरस रोड पर भी एक मिल्क टैंकर को रुकवाकर उसके नमूने जांच के लिए भेजे हैं।

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आइजीआरएस पर हुई शिकायत पर एफएसडीए (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) हाथरस की टीम ने राया रोड स्थित गांव मढ़नई में शिव सिंह दूधिया के घर पर छापा मारा। टीम ने मौके पर जाकर देखा तो मिल्क कलेक्शन का पंजीयन मनोज सिंह पुत्र शिव सिंह के नाम से पाया गया, लेकिन मौके पर दूध से क्रीम निकालने की दो मशीनें, 1800 लीटर दूध, 190 किग्रा क्रीम, 150 किग्रा मक्खन, 8 प्लास्टिक के ड्रम, 17 प्लास्टिक की कैन, चार टीन पॉम ऑयल तथा 150 के लगभग खाली टिन पाए गए। यहां पर दूध कलेक्शन के साथ क्रीम भी निर्माण करते हुए पाया गया जिसका लाइसेंस नहीं दिखा सका। चार बोरी स्किम्ड मिल्क पाया गया। यह सब सामग्री सिथेटिक दूध बनाने में ही काम आती है। स्किम्ड मिल्क पाउडर व पॉम ऑयल आदि पाए जाने पर पूरा मामला संदिग्ध लगा। नकली दूध बनाने की संभावना पर दो नमूने मिश्रित दूध, दो नमूने क्रीम, एक नमूना स्किम्ड मिल्क पाउडर तथा एक नमूना पॉम आयल के लिए गए। छापामार कार्रवाई में नमूने लेने के उपरांत क्रीम की मशीन सहित खाद्य पदार्थ, जिसका नमूना लिया गया, उनको सीज कर दिया। नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है। इसके अलावा हाथरस रोड पर दूध से भरे एक टैंकर को रुकवा कर यहां से भी एफडीए की टीम ने दूध के नमूने लेकर जांच को भेजे गए हैं। ऐसे बनता है नकली दूध

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरींद्र सिंह ने बताया कि स्किम्ड मिल्क, पाउडर, पॉम ऑयल, डिटर्जेंट आदि मिलाकर यह सिथेटिक दूध तैयार किया जाता है। पॉम ऑयल दूध में फैट बनाने के लिए डाला जाता है। चूंकि बड़ी-बड़ी कंपनियां पशुपालकों से अच्छे दामों में सीधे दूध ले लेती हैं ऐसे में आमजन के लिए दूध की किल्लत है। दूध माफिया सिथेटिक दूध लोगों को पिलाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। इनका कहना है

मिश्रित दूध, क्रीम, स्किम्ड मिल्क पाउडर, पॉम ऑयल मौके से मिला है। इससे प्रतीत होता है कि यहां सिथेटिक दूध बनाने का काम होता है। नमूनों को जांच के लिए भेजा है। जांच रिपोर्ट के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। दूधिया के पास से केवल दूध कलेक्शन का लाइसेंस मिला है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

- हरींद्र सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी।


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