गोबर की अज्ञारी और काष्ठ से करें हवन पूजा
पशुधन से प्राप्त गोबर और हरे पेड़ों से प्राप्त लकड़ियां हमारे जीवन में उपयोगी है।
केसी दरगड़, हाथरस : पशुधन से प्राप्त गोबर और हरे पेड़ों से प्राप्त लकड़ियां हमारे जीवन में आज भी उपयोगी हैं। धार्मिक संस्कारों से लेकर अंतिम संस्कारों में इसका प्रयोग किया जाता रहा है और हो रहा है। परंपरागत अब कंडे (उपलों) और लकड़ी से हटकर इसे आधुनिक रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इतना ही नहीं पर्यावरण हित में लकड़ी के स्थान पर प्रयोग कर पेड़ों की हरियाली बचा सकते हैं। उसी को ध्यान में रखते हुए नवरात्र पर गोबर से तैयार रेडीमेड अज्ञारी और काष्ठ(लकड़ी) पूजा के लिए उपलब्ध है। इससे पर्यावरण को शुद्ध रखने के साथ हरियाली को बचा सकते हैं। खरीदने और रखने में सुविधाजनक अज्ञारी और काष्ठ लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
यह है स्थिति : अब तक नवरात्र पर गोबर से तैयार कंडे(उपलों) की अज्ञारी से पूजा होती है। कंडों को लाकर उन्हें तोड़ना पड़ता है। वहीं, हवन करने में हरे पेड़ों की लकड़ी सुखाकर प्रयोग की जाती है। हरी लकड़ी का प्रयोग बढ़ने के कारण धरती की हरियाली कम होती जा रही है, क्योंकि उस अनुपात में पौधे नहीं लग पा रहे हैं।
ऐसे मिली प्रेरणा : पशुधन से प्राप्त होने वाले गोबर का प्रयोग अब कम होने लगा है। सिर्फ खाद या फिर यूं ही फेंक दिया जाता है। जब से गैस का प्रचलन बढ़ा है तक से गोबर से बने कंडों(उपलों) की मांग कम हुई है। वहीं, ईंधन में लकड़ी का प्रयोग हो रहा है। भट्ठों के अलावा अन्य कामों में लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है। इससे हरियाली कम हो रही है। खातीखाना निवासी रवि पहलवान ने ऐसी डाई तैयार की जिससे गोबर से रेडीमेड अज्ञारी और गोबर से लकड़ी जैसे ब्लाक तैयार कर सके। उसमें उन्हें कामयाबी मिली।
देखने में है आकर्षक : कम वजन होने के साथ देखने में आकर्षक है। पालीथिन में कई अज्ञारियों को मिलाकर पैकेट में बंद किया गया है। इससे आप एक-एक कर प्रयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार गोबर से ब्लाक तैयार किए गए हैं। उन्हें आसानी से हवन व व ईंधन के रूप में लकड़ी की तरह प्रयोग कर सकते हैं।
मेरा मकसद लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत करना और गोबर का प्रयोग बढ़ाना है। गोबर से नवरात्र पर प्रयोग के लिए अज्ञारी और लकड़ी के रूप में ब्लाक तैयार किए हैं, जिन्हें हवन में प्रयोग किया जा सकता है।
रवि पहलवान