उम्र बढ़ने के साथ ही बीमारी का बसेरा
विश्व अल्जाइमर दिवस जागरूकता सप्ताह में आयोजित किए जाएंगे कार्यक्रम
संवाद सहयोगी, हाथरस : उम्र बढ़ने के साथ ही तमाम तरह की बीमारियाँ हमारे शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं। एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदत (अल्जाइमर) की है। ऐसे बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है। इसीलिए इस बीमारी की जद में आने से बचाने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर-डिमेंशिया दिवस मनाया जाता है। होंगे विविध आयोजन :
महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस बारे में पत्र भेजकर 21 से 27 सितंबर तक चलने वाले डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के दौरान विविध आयोजन करने को कहा है। इसके तहत कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रैली, संगोष्ठी, अर्बन स्लैम कैम्प, मंदबुद्धि प्रमाणपत्र प्रदान करने के संबंध में शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग मदद को तैयार :
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नेशनल प्रोग्राम फॉर द हेल्थ केयर ऑ़फ एल्डर्ली (एनपीएचसीई) संचालित किया जा रहा है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों/वृद्धजनों के समुचित उपचार पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हर जिले में इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सक और स्टाफ की तैनाती भी की गई है। बुजुर्गों के लिए अलग वार्ड भी बनाए गए हैं। इसके अलावा उनके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर परामर्श के लिए मनोचिकित्सक तैनात किए गए हैं। मनकक्ष की व्यवस्था की गई है, जहाँ पर काउंसिलिग से लेकर इलाज तक की व्यवस्था होती है। जागरूक बनें, डिमेंशिया दूर करें :
भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें। नकारात्मक विचारों को मन पर प्रभावी न होने दें और सकारात्मक विचारों से मन को प्रसन्न बनाएं। पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगायें तो यह बीमारी नहीं घेर सकती। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम और योगा को अपनाकर इससे बचा जा सकता है।