फसलों की कटाई के साथ चुनाव पर भी चर्चा
ग्राम पंचायत जाफराबाद में कचे पड़े हैं गांव के दोनों संपर्क मार्ग बरातघर व पंचायत घर की समस्या।
एआरएस आजाद, हाथरस : पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही गांवों का माहौल बदलने लगा है। गेहूं की फसल की कटाई के साथ लोग चौपालों और घर आंगन में चुनावी चर्चा भी कर रहे है। मुद्दों के साथ जीत और हार के समीकरण भी बताए जा रहे हैं। जागरण की टीम ने हाथरस ब्लॉक की ग्राम पंचायत जाफराबाद में पंचायत चुनाव को लेकर माहौल जानने की कोशिश की तो लोगों ने जनप्रतिनिधि चुनने में शिक्षित और विकास कराने वालों को प्राथमिकता के आधार पर वोट देने की बात कही।
गांव में घुसते ही लोग खेतों पर काम करते दिखाई दिए। गांव के भीतर कोई घरों के काम में व्यस्त था तो कहीं कुछ लोग आपस में बैठकर बातों में मशगूल थे। कुछ युवा और अधेड़ भी ऐसी बातों में डूबे हुए थे।
गांवों में जिन प्रत्याशियों ने नामांकन किए हैं वे बुजुर्गो और बड़ों के आशीर्वाद ले रहे हैं। यह बात भी सामने आई कि चुनाव के पूर्व प्रत्याशियों की ओर से बड़े-बड़े वायदे किए जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद भूल जाते हैं। दुबारा खड़ा होने पर भी फिर वायदों की झड़ी शुरू हो जाती है। गांव के लोगों ने मूलभूत सुविधाओं का भी जिक्र किया। बताया कि पूरे गांव में चार हैंडपंप लगे हैं, उनमें से दो खराब हैं। पेयजल के लिए लोगों को गांव के सड़क सहारे लगे नल या बगीची पर जाना पड़ता है। गांव में वैवाहिक व अन्य कार्यक्रमों के लिए कोई व्यवस्था नहीं। आबादी की जगह होने के बाद भी कई बार बरातघर बनते-बनते रह गया। बच्चों के खेलकूद, स्वास्थ्य सेवा की कोई सुविधा नहीं है। लोगों को सीधे शहर भागना पड़ता है।
भौगोलिक स्थिति
जलेसर रोड से करीब 500 मीटर की दूरी पर बसा जाफराबाद मिर्च की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर उगाई जाने वाले मिर्च राजस्थान, दिल्ली, व हरियाणा के कई शहरों में जाती है। हाथरस शहर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस ग्राम पंचायत का कोई मजरा नहीं है। इसके एक तरफ दो नहर हैं तो दूसरी तरफ जलेसर रोड है। गांव के लिए जलेसर मार्ग के अलावा दो बाइपास संपर्क मार्ग भी बने हुए हैं।
बोले ग्रामीण
विकास करने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे। शिक्षित, ईमानदार और कर्मठ उम्मीदवार का चयन करने मौका चुनाव ही होता है। ऐसे उम्मीदवार को ही वोट दिया जाएगा।
-कृष्णा देवी
पंचायत चुनाव में शिक्षित, मिलनसार और काम करने वाला और समाजसेवा को सर्वोपरि समझने वाले प्रत्याशी को ही चुनेंगे। वही विकास करा सकता है।
-दलवीर सिंह