आस्था, श्रद्धा व भक्ति के संगम में लगी डुबकी
सावन के चौथे सोमवार पर भोले बाबा के दर्शन के लिए मंदिरों में बड़ी संख्या में पहुंचे भक्त ब्लर्ब - जलाभिषेक के लिए सुबह से ही मंदिरों में रही भीड़ मगर शारीरिक दूरी के साथ ही दर्शन पूजन को बरता गया एहतियात
संवाद सहयोगी, हाथरस : सावन के चौथे सोमवार को शिवालयों में सुबह से ही घंटे-घड़ियाल बजने लगे। जलाभिषेक के साथ ही पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिरों पर पहुंचे मगर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन-पूजन किया। कुछ प्रमुख मंदिरों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी तैनात रही। देहात के मंदिरों पर सुबह से ही भीड़ जमा होने से शारीरिक दूरी के नियम तार-तार होते दिखे।
इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। चौथे सोमवार को सुबह से ही श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन करने मंदिरों की ओर निकल पड़े। शहर के चौबे वाले महादेव, गोपेश्वर महादेव, चेतेश्वर, चिताहरण आदि शिव मंदिरों पर भक्तों ने जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। सुख व समृद्धि के लिए प्रार्थना की। भीड़ से बचने के लिए पुलिस की भी प्रमुख मंदिरों पर व्यवस्था रही। शाम के समय पुजारियों ने सभी शिवालयों में आरती की। प्राचीन मंदिरों पर उमड़े श्रद्धालु
सादाबाद कस्बे के प्राचीन मंदिर बाबा बैजनाथ धाम पर बाबा के दर्शन करने तथा पूजा अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रही। दूसरी ओर क्षेत्र के ग्राम मिढ़ावली व मांगरू स्थित वनखंडी महादेव पर भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते दर्शन मुश्किल हो रहा था। भक्ति के भाव में डूबे भक्त शारीरिक दूरी के नियमों को भूल गए थे। पूरे दिन इन मंदिरों पर भीड़ उमड़ती रही।
भीड़ के चलते दरकिनार हुए नियम
सासनी में चौथे सोमवार को शिव मंदिरों पर सुबह से ही बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे थे। पूजा-अर्चना के साथ मंदिरों में भजन-कीर्तन का दौर दिन भर चलता रहा। गंगाजल व दूध से भोलेनाथ का अभिषेक पूरे दिन चलता रहा। कस्बे के टेढ़ेश्वर महादेव मंदिर में अयोध्या के श्रीराम मंदिर का भव्य मॉडल प्रदर्शित किया गया। देखने वालों की यहां पर भीड़ लगी हुई थी। यहां भी भीड़ के चलते लॉकडाउन के नियम दर किनार होते दिखे। शिवालयों में गूंजे जयकारे
सिकंदराराऊ में श्रद्धालुओं ने आस्था, श्रद्धा और भक्ति के संगम में डुबकी लगाई। शिव भक्तों ने उपवास रखकर अपने आराध्य महादेव की पूजा अर्चना कर मनौती मागी। भोर से ही शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने को श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। शिव भक्तों ने महादेव की आराधना कर विश्व में फैली कोरोना महामारी के नाश एवं सर्वत्र खुशहाली की कामना की। शिव की आराधना से भक्तों को समस्त पाप, ताप और संतापों से मुक्ति मिल जाती है। देवाधिदेव महादेव इतने सहज एवं सरल हैं कि जो भी भक्त उनकी पूजा अर्चना करता है, उसे पुण्यफल की प्राप्ति अवश्य होती है। महादेव को श्रावण मास बहुत ही प्रिय है। इसलिए जो भी भक्त आस्था के साथ भगवान आशुतोष की पूजा अर्चना करता है, उसे मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। शिव भक्तों ने भगवान महादेव को प्रसन्न करने को भाग , धतूरा, बेलपत्र, पुष्प अर्पित कर जलाभिषेक किया।