कोरोना से सहमा है रंग-गुलाल काराबोर
महाराष्ट्र राजस्थान व दिल्ली में खौफ के चलते कम आ रही मांग अन्य खाद्य पदार्थों की भी मांग सुस्त।
जासं, हाथरस : दूसरे प्रांतों में कोरोना का असर यहां के रंग-गुलाल कारोबार पर दिखाई दे रहा है। पिछले साल की तुलना में मांग बेहद कमजोर रहने से रंग के कारोबार पर 30-40 फीसद असर दिख रहा है। रंग-गुलाल के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों की कम मांग के कारण भी असर पड़ रहा है।
कारोबार की स्थिति : शहर में रंग-गुलाल का कारोबार बड़े पैमाने पर है। लगभग 20 छोटी-बड़ी इकाइयां हैं। इनसे सालाना 30-40 करोड़ का कारोबार है। होली त्योहार से एक महीने पहले से ही यहां से रंग-गुलाल की सप्लाई देश के विभिन्न कोनों में शुरू हो जाती है। होली पर मसाले और नमकीन की मांग भी खूब रहती है। मसाले और नमकीन का भी यहां पर बड़ा कारोबार है। यहां से नमकीन और मसाले भी दूर तक जाते हैं। यह माल ट्रकों के माध्यम से जाता है।
पिछले साल थी राहत : पिछले साल 2020 में होली का त्योहार नौ मार्च को था। होली का त्योहार सकुशल निपटने के बाद मार्च के आखीर में कोरोना के कारण लॉकडाउन शुरू हो गया। इस वजह से रंग-गुलाल और खाद्य पदार्थों की मांग मजबूत रही। इससे कारोबारियों को काफी राहत रही। इस साल होली 28 मार्च को है। फिलहाल महाराष्ट्र, दिल्ली और राजस्थान के अलावा अन्य प्रांतों में कोरोना की दस्तक फिर शुरू हो गई है। इसका असर यहां के रंग गुलाल कारोबार पर भी दिखाई दे रहा है। वर्जन
दूसरे प्रांतों में कोरोना के नये मरीज निकलने का असर यहां भी दिखाई दे रहा है। इससे रंग-गुलाल की मांग कमजोर हुई है। पिछले साल की तुलना में कारोबार पर असर है।
बांके बिहारी अग्रवाल, रंग-गुलाल उद्यमी पिछले साल होली से पहले 70-80 गाड़ियां रंग और अन्य सामान का लदान होता था। इस बार कोरोना के चलते माल की मांग हो रही है। इसका असर ट्रांसपोर्ट कारोबार पर बुरा पड़ रहा है।
नवजोत शर्मा, ट्रांसपोर्ट कारोबारी
पिछली साल की तुलना में इस बार बाहर से माल की मांग कम आ रही है। इसका असर हमारे कारोबार पर पड़ रहा है। पिछली साल माल लदान के लिए ट्रकों की लाइन लगी रहती थी। इस बार कम है।
अमित बंसल, ट्रांसपोर्ट कारोबारी