शहर विधायक का टिकट कटा, सिकंदराराऊ में राणा पर भरोसा
सादाबाद से रामवीर उपाध्याय को टिकट देकर खेला बड़ा दांव सिकंदराराऊ में विधायक वीरेंद्र सिंह राणा को दिया है टिकट।

जासं, हाथरस : जनपद की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा हाईकमान ने शुक्रवार की शाम प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। शहर सीट से मौजूदा विधायक हरीशंकर माहौर की टिकट काटकर आगरा की मेयर रह चुकीं अंजुला माहौर को दिया है। वहीं सिकंदराराऊ के विधायक वीरेंद्र सिंह राणा पर फिर से भरोसा जताया है। वहीं सादाबाद सीट से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए मौजूदा विधायक रामवीर उपाध्याय को टिकट देकर जाटलैंड में बड़ा दांव खेला है।
भाजपा में टिकट को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी। दैनिक जागरण ने हाथरस की सदर सीट से अंजुला माहौर, सिकंदराराऊ सीट से वीरेंद्र सिंह राणा व सादाबाद सीट से रामवीर उपाध्याय की टिकट को लेकर खबर प्रकाशित की थी। जागरण की इस खबर पर शुक्रवार को हाईकमान ने मुहर लगा दी। आगरा की पूर्व मेयर अंजुला माहौर को हाथरस सदर से टिकट दिया गया है। वे यहां की जिला प्रभारी रही हैं और संगठन की ²ष्टि से अच्छा अनुभव व कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है।
भाजपा ने पहली बार महिला प्रत्याशी को उतारकर सभी को चौंकाया है। भाजपा से शहर सीट पर मौजूदा विधायक हरीशंकर माहौर के अलावा कई दावेदार लाइन में थे। इसमें महिला प्रत्याशियों में पूर्व चेयरमैन डौली माहौर व पूर्व सांसद की पत्नी श्वेता दिवाकर का भी नाम था। हरीशंकर माहौर भाजपा से चार बार विधायक रहे हैं। इस बार उनका टिकट काट दिया गया।
सिकंदराराऊ में मौजूदा विधायक वीरेंद्र सिंह राणा को फिर से टिकट दिया गया है। उनकी छवि के अलावा संगठन में खास पकड़ रही है। वे पार्टी के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। यहां से पूर्व विधायक यशपाल सिंह चौहान के अलावा सुरेंद्र सिंह पुंढीर, उदय पुंढीर, ब्रजेश चौहान, मुकेश चौहान व अन्य कई दावेदार थे। सिकंदराराऊ पर भाजपा ने कोई बदलाव न करते हुए वीरेंद्र सिंह राणा पर फिर से भरोसा जताया है।
सादाबाद में मौजूदा में विधायक रामवीर उपाध्याय को टिकट दिया गया है। उन्होंने 14 जनवरी को बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वे हाथरस सदर सीट से तीन बार, सिकंदराराऊ से एक बार विधायक रहे हैं। सादाबाद से वह मौजूदा विधायक हैं। भाजपा की लहर में भी वह वर्ष 2017 में बसपा से यहां चुनाव जीतने के कामयाब रहे थे। सादाबाद से पूर्व प्रत्याशी प्रीति चौधरी व जिला पंचायत सदस्य राजा गरुणध्वज सिंह व अन्य दावेदार थे। प्रत्याशियों के प्रोफाइल
रामवीर उपाध्याय
रामवीर उपाध्याय लगातार पांच बार से विधायक हैं। वर्ष 1996, 2002 और 2007 में बसपा से हाथरस सदर सीट पर विधायक रहे थे। इस बीच वह परिवहन, चिकित्सा शिक्षा, ऊर्जा, ग्रामीण समग्र विकास जैसे विभागों के मंत्री भी रहे। 2012 में हाथरस सदर सीट सुरक्षित होने के बाद वह सिकंदराराऊ चले गए थे। वहां से भी चुनावी जीतने में कामयाब रहे। लोक लेखा समिति के सभापति और विधानमंडल दल में मुख्य सचेतक रह चुके हैं। पार्टी के स्टार प्रचारक भी रहे। वर्ष 2017 में वह बसपा से सादाबाद सीट पर चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की थी। हालांकि वर्ष 2019 में बसपा ने उन्हें निलंबित कर दिया था। हाल ही में उन्होंने बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। सादाबाद सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाकर तोहफा दिया गया है। बड़ा ब्राह्मण चेहरा होने के कारण रामवीर जाट लैंड में दमदार प्रत्याशी हो सकते हैं। भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर हाथरस की अन्य सीटों और आसपास के जनपदों में सीटों पर निशाना साधा है।
वीरेंद्र सिंह राणा
वीरेंद्र सिंह राणा सिकंदराराऊ से सिटिग विधायक हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के भिलाई में वनवासी सेवा आश्रम में वर्ष 1976 से 1980 तक संगठन के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम किया। वर्ष 1976 से 1996 तक वह भिलाई की शराब फैक्ट्री में बतौर मैनेजर कार्यरत रहे। इसके बाद हाथरस आ गए। यहां अपने कारोबार के साथ-साथ भाजपा के लिए काम करते रहे। वर्ष 2014 में उन्हें जैविक ऊर्जा प्रकोष्ठ ब्रज क्षेत्र का संयोजक बनाया गया। वर्ष 2015-16 में वह जिलाध्यक्ष रहे। वर्ष 2017 में सिकंदराराऊ से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। पार्टी ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया है। अंजुला माहौर-
अंजुला माहौर वर्ष 2009 से 2012 तक आगरा की मेयर रही हैं। उनके पति सुधीर कुमार माहौर आइआरएस हैं और सेंट्रल जीएसटी में असिस्टेंट कमिश्नर हैं। वर्ष 2013 से 2015 तक राज्यमंत्री रहीं। चीन, पुर्तगाल, दक्षिण कोरिया आदि देशों में वह राज्य अतिथि के तौर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यात्रा कर चुकी हैं। 'वेक अप इंडिया' और 'गांव की गोरी' फिल्म में अभिनय भी कर चुकी हैं। कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए काम किया है। टीवी सीरियल 'धर्म की बात' के लिए उन्हें परम श्री सम्मान मिला। पुर्तगाल में वैजयंती लिस्बन के रूप में सम्मान दिया गया।
Edited By Jagran