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कोरोना के आगोश में बचपन

महिला अस्पताल में होगी बचों के लिए अलग से कोविड वार्ड की शुरुआत उपचार व देखरेख की विशेष व्यवस्था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 03:57 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 03:57 AM (IST)
कोरोना के आगोश में बचपन
कोरोना के आगोश में बचपन

प्रमोद सिंह, हाथरस : कोरोना संक्रमण के कहर से जिले में मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। लगातार कोरोना संक्रमण छोटे बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। आलम यह है कि पिछले पंद्रह दिन में ग्यारह साल तक के उन्नीस बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। इसकी वजह से अब तंत्र को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिरकार नौनिहालों को इस जानलेवा बीमारी से कैसे सुरक्षित रखा जाए।

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दूसरी लहर का कहर :

पिछले साल की अपेक्षा इस साल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने जिले में कहर बरपा दिया। एक अप्रैल से शनिवार तक जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1292 हो गया है, जिसमें युवा वर्ग, नौनहाल भी शामिल हैं। एक अप्रैल से शनिवार तक 16 लोग कोरोना वायरस की वजह से जान गंवा चुके हैं। गांवों में संक्रमण अधिक होने के कारण वहां पर अब प्रशासनिक तंत्र घर-घर सर्वे करा रहा है।

नौनिहाल भी संक्रमित : शुरू में छोटे बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम बताया जा रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में नौनिहाल भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। चार मई से पंद्रह मई तक का आंकड़ा भी डरावना है। इस दौरान एक साल से 11 साल तक के 19 बच्चे संक्रमित पाए गए। छोटे बच्चों के संक्रमित हो जाने से अब तंत्र सोचने को विवश है कि आखिरकार छोटे बच्चों को संक्रमित होने से कैसे बचाया जाए।

नौ को अधिक संक्रमित हुए बच्चे

कोरोना संक्रमण ने इन दस दिनों में सबसे अधिक कहर नौ मई को बरपाया था। उस दिन जिले में सात बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आए, जिसमें नगला कुंवरजी का 9 वर्षीय बालक, दयानतपुर निवासी 11 वर्षीय बच्ची, 06 वर्षीय बच्ची, 04 वर्षीय बालक, ओढ़पुरा बिजलीघर निवासी 08 वर्षीय बालक, नगला पदू निवासी 06 वर्षीय बच्ची, चैतन्य धाम कालोनी निवासी 08 वर्षीय बालक संक्रमित मिला था।

अब अलग से व्यवस्था :

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर छोटे बच्चों के लिए अधिक खतरनाक हो सकती है। ऐसी जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही है। छोटे बच्चों को देखते हुए जल्द ही महिला अस्पताल में अलग से एक कोविड शिशु वार्ड बनाया जाएगा। दस बेड के इस वार्ड में कोरोना से संक्रमित बच्चों को भर्ती करके उनका उपचार किया जाएगा। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह पहल की जा रही है। इनका कहना है

कोरोना वायरस संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए उनके अभिभावकों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जब भी घर के लोग बाहर से आएं तो खुद को पहले सैनिटाइज करें। उसके बाद ही बच्चों से मिले। भीड़भाड़ वाले इलाकों में बच्चों को ले जाने से बचें।

विजेंद्र सिंह, एसीएमओ, हाथरस।


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