दोपहरी के सन्नाटे को चीर रही थी चीत्कार
मेहनत मजदूरी करने वाले परिवारों के सामने खड़ा हुआ आर्थिक संकट करुण क्रंदन देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए।
हिमांशु गुप्ता, हाथरस : गांव नगला सिघी और नगला प्रह्लाद में छह लोगों की मौत के बाद मातम पसर गया। गर्मी की दोपहरी में जहां गांव की गलियों में सन्नाटा था, वहीं मृतकों के घरों से चीत्कार का शोर सन्नाटे को चीर रहा था। करुण क्रंदन देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए।
मथुरा रोड से उद्यान विभाग रेलवे क्रॉसिग वाली सड़क नगला सिघी और नगला प्रह्लाद को जाती है। क्रॉसिग से चार किलोमीटर दूर दाएं हाथ पर गांव नगला प्रह्लाद है तो उसके सामने गांव नगला सिघी बसा हुआ है। दोनों ही गांवों में सिघी बिरादरी के लोग रहते हैं। एक दूसरे के यहां पूजा पाठ, और कार्यक्रम में आते-जाते हैं। नगला प्रह्लाद में ही पीर बाबा की पूजा की गई थी, इसके बाद शराब को प्रसाद के रूप में पीया गया। यह प्रसाद ही ग्रामीणों की मौत की वजह बन गया। छह मृतकों में दो नगला प्रह्लाद के और चार नगला सिघी के रहने वाले थे। दो भाइयों की मौत से कोहराम
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नगला प्रह्लाद के दो भाइयों बनवारी सिंह और मोहन सिंह की मौत शराब पीने से हुई है। दोपहर को इनके शव पोस्टमार्टम के बाद घर पर लाए गए तो कोहराम मच गया। पांच भाइयों में बनवारी सिंह सबसे बड़े थे, जबकि मोहन चौथे नंबर के थे। मोहन सिंह ही मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। उनकी चार बेटियों में से दो की शादी हो चुकी है। दो बेटियां शादी लायक हैं। पिता की मौत के बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है। अशोक के घर पर टूटा गमों का पहाड़
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मृतकों में शामिल नगला सिघी के 40 वर्षीय अशोक की उम्र सबसे कम है। उनकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। अशोक के दो बेटे और एक बेटी है। बड़े बेटे पिटू की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरा बेटा अभी छोटा है। बेटी भी शादी लायक है। अशोक का शव देख स्वजन और गांव के सैकड़ों लोग दहाड़ मारकर रो रहे थे। अशोक भट्ठे पर मजदूरी करते थे। उनकी मौत से परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट है। नेत्रपाल के स्वजन का भी रो-रोकर बुरा हाल
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गांव नगला सिघी में प्रवेश करते ही सबसे पहला घर नेत्रपाल का है। नेत्रपाल की मौत के बाद से उनकी पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। वह रोते-रोते यही कह रही थीं कि अब परिवार को कौन देखेगा। बेटियां के हाथ पीले कैसे होंगे। उनकी चीख-पुकार सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं। सोहन बाइक से पहुंचे हॉस्पिटल, कुछ देर बाद मरने की खबर
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शराब पीने से सोहन की तबीयत भी खराब हुई थी। बुधवार की सुबह उन्हें स्वजन बाइक से जिला अस्पताल लेकर गए थे। वह बाइक पर आराम से अस्पताल गए थे। स्वजन की मानें तो उनके पेट में जलन हो रही थी। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में ड्रिप लगाकर उन्हें अलीगढ़ रेफर किया गया। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। जब उनकी मौत की खबर घर आई तो कोहराम मच गया।
सबसे पहले लाखन की हुई थी मौत
वृद्ध लाखन का घर गांव के बीच में है। छोटे सी झोंपड़ीनुमा घर में उनका परिवार गुजर बसर करता है। शराब पीने के बाद सबसे पहले उन्हीं की तबीयत बिगड़ी और मंगलवार की दोपहर को मौत हो गई। स्वजन कुछ समझ न पाए और उनका अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में जब और लोगों की तबीयत बिगड़ी तब शराब पीने से मौत की वजह पता लगी। लाखन की एक बेटी शादी लायक है, उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अधिकारी
घटना के बाद दोनों गांवों में पुलिस और अधिकारी जमे रहे। गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए अधिकारी सतर्क थे। कई थानों का फोर्स गांव में लगाया गया था। डीएम, एसपी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। सीडीओ आरबी भास्कर, एसडीएम सदर अंजलि गंगवार, सीओ सिटी रुचि गुप्ता, तहसीलदार समेत अन्य अधिकारी और कई इंस्पेक्टर गांव में डेरा जमाए रहे।