मीठे पानी के लिए चंद्रपाल की मेहनत रंग लाई
ग्रामीणों के साथ मिलकर कई बार कर चुके हैं आंदोलन इनके प्रयासों से गांव को जल्द मिलेगा शुद्ध पानी अफसरों ने शुरू की कवायद महासिहपुर के क्षेत्र में खारे पानी से हैं दिक्कतें वाहनों से ढोते रहे हैं पानी।
जासं, हाथरस : अगर आप में कुछ करने का जज्बा है तो हर मंजिल आसान हो जाती है। यही काम औरों के हित के लिए हो तो बात कुछ अलग हो जाती है। हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत महासिंहपुर के चंद्रपाल की, जिन्होंने खारे पानी की समस्या से गांव वालों को निजात दिलाने के लिए अन्न-जल तक छोड़ा। परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठे। बात लखनऊ से दिल्ली तक पहुंची तो हसायन ब्लाक की ग्राम पंचायत महासिहपुर समेत तीन गांवों के लिए 1.61 करोड़ की पेयजल परियोजना सरकार ने मंजूर की। संघर्ष का नतीजा यह निकला कि अब जल्द ही तीनों गांवों को खारे पानी की समस्या से छुटकारा मिलने वाला है।
बरसों से पानी की समस्या
जिले में हसायन ब्लाक के कई गांव खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां लोगों को कई किलोमीटर दूर से मीठा पानी लाना पड़ता है। गांव नगला मया, महासिहपुर व अन्य गांवों के लोग कई वर्ष से पीने के पानी के लिए आंदोलन कर रहे थे, मगर अब समस्या का समाधान होने वाला है।
चंद्रपाल के संघर्ष की दास्तां
27 जून 2019 को गांव नगला मया के चंद्रपाल सिंह के परिवार ने इस समस्या को लेकर अन्न-जल का त्याग कर अनशन किया था। चंद्रपाल ने मुख्यमंत्री कार्यालय में फोन कर मिलने का समय मांगा तो वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिला था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सूचित किया, लेकिन वहां से भी कोई सहूलियत नहीं मिली। चंद्रपाल हर तरफ से हार गए तो उन्होंने परिवार के साथ अन्न-जल त्यागा तो प्रशासन में खलबली मची। चंद्रपाल का वीडियो वायरल होने से अधिकारियों ने समस्या के समाधान में गंभीरता दिखाई। 18 अगस्त 2020 को इस परियोजना को लखनऊ से स्वीकृति मिली। यहां एक साल से अधिक समय से पेयजल परियोजना पर काम चल रहा है। जल्द ही खारे पानी की समस्या से निजात मिलने वाली है। इस परियोजना से तीन ग्राम के लगभग 4000 लोगों को फायदा मिलेगा। तारीखों में कब क्या हुआ?
21 दिसंबर से 24 दिसंबर तक 2018 तक चंद्रपाल का आमरण अनशन चला।
28 दिसंबर 2018 को यूपी विधानसभा के सामने चंद्रपाल को पुलिस ने पकड़ा था।
06 जून 2019 को बेटियों के साथ प्रधानमंत्री से परिवार के साथ मौत मांगी थी।
21 जून 2019 से परिवार के साथ अन्न और जल का त्याग किया था।