'चंद गुंडे खुद को हिंदुस्तान कहते हैं '
फोटो न. 55 आयोजन -मेला जल विहार में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने बांधा समां -कवि भोजराज सिंह सहित कई कवियों को मंच पर किया सम्मानित
संसू, हाथरस : हसायन में मेला जल विहार में पहली बार आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने ऐसा समा बाधा कि काव्य प्रेमी श्रोता रात भर पंडाल में जमे रहे। इसका शुभारंभ भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव आर्य ने फीता काटकर व मा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इसी मंच पर उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सम्मानित हाथरस जंक्शन के वरिष्ठ कवि भोजराज सिंह भोज का सम्मान भाजपा जिला अध्यक्ष हिंदी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष ने शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न भेंट कर किया।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता चेयरमैन पति चंद्रप्रकाश माहौर ने की व सरस संचालन हास्य व्यंग्य के कवि व हिदी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल ने किया।
स्नेहा शर्मा की सरस्वती वंदना के बाद सत्येंद्र भारद्वाज ने श्री कृष्ण भगवान से संबंधित रचना पढ़ कर वातावरण भक्तिमय कर दिया।
फरीदाबाद हरियाणा से पधारे धर्मेश अविचल ने पढ़ा-'जब तक देशद्रोहियों का फासी से मान नहीं होगा तब तक मेरे भारत का सच्चा थान नहीं होगा। ' 'बरेली से पधारे कवि मुकेश मीत ने मधुर गीत गुनगुनाया- 'आदमी को आदमी बनाए रखियो रामजी। कवयित्री स्नेहा शर्मा ने पाकिस्तान को इंगित करते हुए पढ़ा - 'छोड़ भी दे यार छेड़छाड़ बार-बार की। एक बार छेड़ ले लड़ाई आरपार की।' चाद हुसैन ने पढ़ा- 'मेरे देश का इंसान गर इंसान हो जाए तो अपना विश्व से बेहतर हिंदुस्तान हो जाए।' प्रसिद्ध कवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने विषम परिस्थितियों में भी मुस्कुराते रहने का मंत्र यूं दिया - 'चारों तरफ हो शूल मत दामन बचाइए। आप भी गुलाब जैसे मुस्कुराइए।' बाल कवयित्री उन्नति भारद्वाज ने पढ़ा- 'रामराज्य सा कहलाने वाला मेरा देश, राम जी के मंदिर बनाने को तरसता।' विवेकशील राघव ने कटाक्ष किया- 'गीदड़ों की मौत को बलिदान कहते हैं। चंद गुंडे खुद को हिंदुस्तान कहते हैं।'
वृंदावन के कवि मोहन मोही ने आधुनिक पहनावे पर हास्य रचना पढ़ी तो लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो गए।' अतुल चौहान की रचना को भी खूब सराहा गया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. अरविंद कुमार शर्मा प्राचार्य, जगदीश प्रसाद शर्मा, बौहरे रवि करण शर्मा, किशन चौहान, कपिल वाष्र्णेय, दिनेश शर्मा खेरे वाले, भगवान सिंह बघेल, मुकुल भारद्वाज, यादराम सिंह छोंकर, दिनेश चंद्र शर्मा, मुकुल भारद्वाज, भुवेश सेंगर, बंटी भारद्वाज, विनय पचौरी दीपक उपाध्याय, सुरेश सविता आदि मौजूद थे।