जाटलैंड में फतह की कोशिशों में जुटी भाजपा
जनपद की तीन सीटों में से जाट बहुल सादाबाद सीट पर 2017 में हारी थी भाजपा।
जासं, हाथरस : विधानसभा चुनाव-2022 का बिगुल बजने से पहले ही सियासी दल चुनावी कसरत में जुट गए हैं। सत्ताधारी दल भाजपा फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। जातीय राजनीति की धुरी पर नाचते विपक्षी दलों की रणनीति का तोड़ निकालने के लिए भाजपा भी इसी तर्ज पर जद्दोजहद में जुटती दिख रही है।
पिछले चुनावों की स्थिति : सोशल इंजीनियरिग को समझने के लिए हमें पिछले विधानसभा और पंचायत चुनावों के परिणामों पर भी गौर करना होगा। जनपद में तीन विधानसभा सीटें हैं। 2017 के चुनाव में यहां सिकंदराराऊ सीट से भाजपा से वीरेंद्र सिंह राणा चुनाव जीते थे तो हाथरस सदर सीट से भाजपा के हरीशंकर माहौर विजयी रहे। सादाबाद सीट से बसपा से पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय चुनाव जीते थे। रालोद दूसरे नंबर और भाजपा तीसरे नंबर पर रही। लहर के बावजूद भाजपा को तीन में दो सीटें ही मिलीं। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा जिला पंचायत सदस्य की 24 सीटों में पांच सीटें ही जीती थी। सादाबाद की स्थिति सबसे अधिक खराब थी। भाजपा सादाबाद व सहपऊ में ब्लाक प्रमुख के लिए प्रत्याशी भी नहीं उतार पाई। सात में से तीन ब्लाक प्रमुख ही भाजपा के जीते। इन तमाम बिदुओं को देखते हुए भाजपा अब हर कदम फूंककर चल रही है।
अब क्या : भाजपा हाईकमान ने पंचायत चुनाव से पहले किसान आंदोलन को देखते हुए जनपद में पहले चुनाव प्रभारी चौ. राजा वर्मा को बनाया था। पंचायत चुनाव के अपेक्षित परिणाम न आने पर उन्हें आठ महीने बाद ही हटाकर मान सिंह गोस्वामी को प्रभारी बनाया। कुछ दिन बाद ही बदलाव हुआ, फिर जाट समाज के मेरठ निवासी चौधरी देवेंद्र सिंह को यहां का प्रभारी बनाकर भेजा गया। वे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। इसी क्रम में हाथरस विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रभारी चौ. नत्थी सिंह को चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा है। जाट बहुल सादाबाद विधानभा क्षेत्र का प्रभारी चौ. तेजवीर सिंह को बनाया है। वे मथुरा से सांसद रहे हैं। सादाबाद विधानसभा क्षेत्र मथुरा जनपद से सटा हुआ है। इस तरह जनपद में भाजपा हाईकमान ने हाथरस और सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में जाट समाज के और सिकंदराराऊ सीट पर सुनील पांडेय को प्रभारी बनाया है। भाजपा की यह रणनीति कितना सार्थक साबित होती है, यह विधानसभा चुनाव का परिणाम ही बताएगा।