31 दिन में 50 से पूछताछ, जांच अभी जारी है
बूलगढ़ी कांड सीबीआइ जांच को हुआ एक माह 15 बार टीम गई गांव सीन रीक्रिएशन नक्शा भी बनाया 25 नवंबर को कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने की तैयारी।
जासं, हाथरस : बूलगढ़ी कांड को लेकर उठ रहे सवाल अभी अनसुलझे हैं। 14 सितंबर को क्या हुआ, युवती की मौत कैसे हुई और आरोपितों व पीड़ितों के बयानों की हकीकत क्या है, जैसे सवालों का जवाब एक माह से सीबीआइ तलाश रही है। 31 दिन में करीब 50 लोगों से पूछताछ हो चुकी। टीम 15 बार गांव जा चुकी है। 12 बार पीड़ितों व आरोपितों के स्वजन से पूछताछ कर चुकी है। निष्कर्ष नदारद है।
हाईकोर्ट में दो नवंबर को सुनवाई के बाद जांच में तेजी आई। घटना स्थल पर सीन रीक्रिएशन और नक्शा तैयार करना, टीम की हाईकोर्ट में 25 नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तैयारी माना जा रहा है।
14 सितंबर को हमले के बाद युवती को जिला अस्पताल ले जाया गया था। तब युवती की मां ने सामान्य झगड़ा बताते हुए गांव के संदीप पर गला दबाने का आरोप लगाया था। लड़की के भाई ने संदीप के खिलाफ जानलेवा हमला और एससी-एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट लिखाई। उसी दिन युवती को जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़ भेजा गया। वहां भी सामान्य मरीज की तरह युवती का इलाज चला। 19 सितंबर को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्यौराज जीवन की एंट्री के बाद कहानी बदलने लगी। राजनीति हावी होने लगी। बयान और आरोपों के आधार पर गांव के ही तीन और युवकों के नाम रिपोर्ट में जोड़कर पुलिस ने चारों आरोपितों को जेल भेजा। 29 सितंबर को युवती की मौत हो गई।
तीन अक्टूबर को सीबीआइ जांच की सिफारिश हुई। 11 अक्टूबर को सीबीआइ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। 13 अक्टूबर को पहली बार सीबीआइ गांव पहुंची और पांच घंटे से ज्यादा छानबीन की। तब से लगातार जांच चल रही है। पुलिसकर्मियों से लेकर
गांव वालों से पूछताछ
इस मामले में एसपी विक्रांत वीर, थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था। इन सबसे सीबीआइ पूछताछ कर चुकी है। तीन बार जिला अस्पताल भी गई और डॉक्टर से पूछताछ की। युवती को थाने से जिला अस्पताल ले जाने वाले टेंपो चालक, आसपास के खेत वालों, बैंक मैनेजर और दोनों परिवारों के जानकार-रिश्तेदार भी जांच का हिस्सा बने हैं। ऐसे बढ़ी जांच
3 अक्टूबर को सीबीआइ जांच की सिफारिश।
11 अक्टूबर को सीबीआइ ने मामला दर्ज किया, जांच को हाथरस पहुंची।
13 अक्टूबर को पहली बार टीम गांव पहुंची।
14 अक्टूबर को मृतका के पिता और भाइयों से सात घंटे पूछताछ की।
15 अक्टूबर को आरोपितों के घर पहुंचकर तीन घंटे पूछताछ की।
16 अक्टूबर को निलंबित कोतवाल से पूछताछ की।
19 अक्टूबर को मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स और जेल में आरोपितों से पूछताछ की।
28 अक्टूबर को नाबालिग का रिकार्ड खंगालने उसके स्कूल और गांव गई।
सात नवंबर को घटना स्थल पर सीन रीक्रिएशन कराया।
इन सवालों के जवाब की तलाश
-14 को आखिर पीड़िता के साथ क्या हुआ था?
-पहले दिन दी गई तहरीर में युवती की मां ने मारपीट ही क्यों बताई?
- किसके स्वजन सच बोल रहे हैं ?
- घटनावाले दिन सभी आरोपित कहां थे?
- मृतका के भाई और आरोपित के नंबर पर बातचीत का सच क्या है?
- पीड़िता और आरोपित के परिवार में क्या रंजिश चल रही थी? ------------------- पांच घंटे में तीन बार
बूलगढ़ी पहुंची टीम
फोटो- 11, 12, 33
मृतका-आरोपितों के घर और घटनास्थल के बीच स्थित पीपल के पेड़ के नीचे सच तलाशने को मंथन जासं, हाथरस : बूलगढ़ी प्रक्रण में जांच को लेकर मंगलवार को सीबीआइ की अलग-अलग टीमें तीन बार गांव पहुंचीं। नाबालिग आरोपित के पिता और बड़े भाई के अलावा गांव के अन्य व्यक्ति को पूछताछ के लिए कैंप कार्यालय भी साथ लेकर गई।
मंगलवार को टीम के कुछ सदस्य दोपहर 12.30 बजे गांव पहुंचे। वे पीपल के पेड़ के नीचे बैठे रहे। पहले आपस में बात की। वहां से नाबालिग आरोपित के घर की ओर गए, लेकिन घर के पास जाकर लौट आए। आरोपितों के घर के पास आकर एक के पिता से कुछ देर बात कर गांव से लौट आए। पीपल का पेड़ घटनास्थल और आरोपित के घर के बीच में है। पीपल के पेड़ के सहारे घटनास्थल की ओर भी मेड़ से होकर जाने का रास्ता भी है। इसके बाद ढाई बजे टीम के तीन सदस्य फिर गांव पहुंचे। सीधे गांव के बाहर खेत में उसी पीपल के पेड़ के पास पहुंची, जहां एक घंटे पहले पहुंची थी। टीम यहां साढ़े तीन बजे तक रही। सीबीआइ की टीम ने अलीगढ़ रोड स्थित कार्यालय पर नाबालिग आरोपित के पिता, बड़े भाई और गांव के ही एक अन्य व्यक्ति को पूछताछ के लिए लेकर गई। बताया जा रहा है कि उसका, मृतका के स्वजन से घूरे को लेकर कुछ माह पूर्व विवाद हुआ था। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे सीबीआइ की टीम डिप्टी एसपी सीमा पाहूजा के साथ घटनास्थल पर पहुंची। यहां आधा घंटा तक रही। आसपास के खेतों में भी जाकर देखा। वहां काम कर रहे लोगों से बात की। टीम साढ़े पांच बजे गांव से लौट आई। टीम ने गांव परसौली के एक व्यक्ति से भी बात की। उनका बूलगढ़ी में खेत है।
काहे का त्योहार, हमारे
तो चारों बच्चे जेल में हैं
आरोपितों के स्वजन से जब दीपावली को लेकर बात की गई तो कहने लगे, हमारी कैसी दीपावली? हमारे बालक, जेल में बंद हैं। जब से जेल में गए हैं तब से उनसे बात भी नहीं कर पा रहे हैं। मृतका के स्वजन की मीडिया से दूरी
मृतका के स्वजन ने अब मीडिया से दूरी बना ली है। उन्होंने बाहर खड़े सुरक्षा कर्मियों से मीडिया वालों से आने से मना कर दिया है।