Move to Jagran APP

अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए भेजी थीं पांच हजार रामशिलाएं

संवाद सहयोगी हाथरस अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन किया जाएगा। लॉकडाउन के नियमों के चलते रामभक्त अयोध्या नहीं जा पाने से मायूस हैं। इसके लिए जनपद में रामभक्तों ने घरों में ही पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। पांच अगस्त को घरों पर दीपोत्सव का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 12:53 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 12:53 AM (IST)
अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए  भेजी थीं पांच हजार रामशिलाएं
अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए भेजी थीं पांच हजार रामशिलाएं

संवाद सहयोगी, हाथरस : अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन किया जाएगा। लॉकडाउन के नियमों के चलते रामभक्त अयोध्या नहीं जा पाने से मायूस हैं। इसके लिए जनपद में रामभक्तों ने घरों में ही पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। पांच अगस्त को घरों पर दीपोत्सव का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या के लिए हाथरस के रामभक्तों का जोश देखने लायक रहा है। बात चाहे कार सेवा की हो या फिर वहां मंदिर निर्माण के लिए सहयोग की। यहां के भक्तों ने हमेशा बढ़-चढ़कर सहभागिता की है। पांच अगस्त को भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में भी सहभागिता करने के लिए रामभक्तों ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थीं, मगर लॉक डाउन के नियमों के चलते कार्यक्रम में करीब तीन सौ लोगों की संख्या सीमित कर देने से मायूसी हुई है। अब लोगों ने घरों में दीपक जलाकर भगवान राम की आराधना का निर्णय लिया है।

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष व श्रीराम के अनुयायी वयोवृद्ध रमेशचंद्र आर्य बताते हैं कि आजादी के बाद वर्ष 1950 से ही विवादों के चलते अयोध्या के मंदिर में ताला लगा था। वर्ष 1985 में विश्व हिदू परिषद ने जगह-जगह रथयात्रा निकाली। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ताला तो खुलवा दिया पर मंदिर में पूजा करने की अनुमति सिर्फ पुजारियों को ही थी। आर्य कहते हैं कि श्रीराम जन्म भूमि मुक्ति आंदोलन के तहत जब कारसेवा शुरू हुई तो हाथरस के जत्थे ट्रेनों से अयोध्या जाते थे। तीन बार वे भी जत्थे लेकर अयोध्या गए। एक जत्थे में सौ रामभक्त होते थे जो वहां पर गिरफ्तारियां दिया करते थे। बाद में मंदिर निर्माण के लिए जिले से पांच हजार राम नाम लिखीं ईंटें (शिलाएं) एक ट्रक से अयोध्या भिजवाई गईं। भूमि पूजन के बाद विहिप की ओर से जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इसमें प्रत्येक घर से कम से कम एक रुपये, अधिकतम जो भी श्रद्धा हो दान मंदिर के भव्य निर्माण के लिया लिया जाएगा। पांच अगस्त को घरों में ही दीप जलाकर दीवाली की तरह इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इनका कहना है-

1990 के दशक में मंदिर निर्माण के लिए महिला मोर्चा ने जिले में कई जगह आंदोलन किया था। पुलिस ने करीब 25 महिलाओं को गिरफ्तार किया था। करीब 15 दिन के लिए उन्हें आगरा की सेंट्रल जेल में रखा गया। प्रभु श्रीराम की भक्ति के जुनून के आगे आखिर सबको झुकना पड़ा। आज उसी स्थान पर मंदिर निर्माण होते देख बड़ी खुशी मिल रही है। जीते जी प्रभु राम के मंदिर को देखना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

-प्रकाशमती आर्य, राम सेविका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.