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29 तारीखें, 16 की गवाही, कोर्ट के फैसले का इंतजार

बूलगढ़ी कांड का एक साल विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में जारी है ट्रायल पुलिस डाक्टर मेडिकल स्टाफ समेत अन्य लोगों की चल रही गवाही।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 01:08 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 01:08 AM (IST)
29 तारीखें, 16 की गवाही, कोर्ट के फैसले का इंतजार

हिमांशु गुप्ता, हाथरस :

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एक साल पहले आज ही के दिन हुई शर्मसार करने वाली घटना ने चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव को सुर्खियों में ला दिया था। कई दिन तक बूलगढ़ी गांव सियासी जंग का मैदान बना रहा। पहले एसआइटी, फिर सीबीआइ ने मामले की जांच कर सुबूत जुटाए। कई अफसरों पर कार्रवाई हुई। 67 दिन की जांच के बाद सीबीआइ ने चारों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में चार्जशीट विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में दाखिल की। अब तक 29 तारीखें पड़ चुकी हैं। निर्धारित 104 गवाहों में से 16 की गवाही हो चुकी है।

बूलगढ़ी में 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की युवती पर जानलेवा हमला हुआ था। युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में अलीगढ़ के मेडिकल कालेज में युवती के लिए गए बयानों के आधार पर इसी गांव के रवि, रामू और लवकुश के नाम के साथ धाराएं भी बढ़ाई गईं। युवती का इलाज जेएन मेडिकल कालेज में चला। 28 सितंबर को युवती को दिल्ली रेफर किया गया, जहां 29 सितंबर को उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। इसके बाद तो यह मामला गरमा गया। देशभर के नेता, संगठनों से जुड़े लोग बूलगढ़ी पहुंचने लगे।

सीबीआइ का डेरा : सीबीआइ ने घटनास्थल से लेकर, थाने, अस्पताल में इलाज समेत हर पहलू को खंगाला। सीन रीक्रिएट किया। मृतका व आरोपितों के स्वजन, ग्रामीण, प्रधान, पुलिस, डाक्टर सबसे पूछताछ कर 67 दिन बाद 18 दिसंबर को विशेष न्यायालय एससी-एसटी अधिनियम में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या समेत अन्य धाराओं में चार्जशीट दाखिल की। सीबीआइ ने 104 लोगों को गवाह बनाया। चार जनवरी को केस की पहली तारीख पड़ी थी। अधिवक्ताओं की दलीलों के बीच न्यायालय में ट्रायल जारी है। फैसले का इंतजार अभी भी बाकी है।

पांच मार्च से शुरू हुई गवाही

पांच मार्च को कोर्ट में सबसे पहली गवाही मृतका के भाई की हुई। वही इस मुकदमे में वादी है। इसके अलावा पुलिसकर्मियों, विवेचक सीओ, मेडिकल कालेज के डाक्टरों की गवाही हो चुकी है। सीमा कुशवाहा कर रहीं

मृतका पक्ष की पैरवी

बूलगढ़ी कांड में मृतका पक्ष की पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा आगे आईं। दिल्ली की निर्भया के परिवार को न्याय दिला चुकीं सीमा कुशवाहा ने केस का ट्रायल दिल्ली में कराने का काफी प्रयास किया मगर उच्च न्यायालय ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया। सीमा कुशवाहा ने हाल ही में प्रधानमंत्री से सुरक्षा के लिए गुहार भी लगाई थी। स्थानीय स्तर पर अधिवक्ता भागीरथ सिंह सोलंकी मृतका पक्ष की पैरवी कर रहे थे मगर कोरोना काल में उनका निधन हो गया था। अब उनकी जगह अधिवक्ता महीपाल सिंह निमहोत्रा मृतका का केस लड़ रहे हैं। चारों आरोपितों की जमानत

याचिका हुई थी खारिज

बूलगढ़ी कांड के आरोपित संदीप, रामकुमार उर्फ रामू, रवि और लवकुश के खिलाफ धारा 302, 376, 376ए, 376डी, एससी-एसटी एक्ट में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपित पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर की ओर से सबसे पहले रामू फिर रवि, लवकुश संदीप की जमानत अर्जी दाखिल की गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने चारों आरोपितों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। जातीय हिसा फैलाने

की हुई थी साजिश

बूलगढ़ी में बवाल के दौरान जातीय हिसा फैलाने की साजिश भी हुई। इंटरनेट मीडिया पर तरह-तरह के वीडियो, आडियो के जरिए जातीय उन्माद फैलाने के प्रयास किए गए। इसी आधार पर कोतवाली चंदपा में राष्ट्रद्रोह समेत 20 संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। मथुरा में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और उसके सह संगठन कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) के चार सदस्य पकड़े गए, जो हाथरस ही आ रहे थे। पीएफआइ का नाम आने के बाद खुफिया तंत्र अलर्ट हुआ। पकड़े गए चारों आरोपित मुजफ्फरनगर के रतनपुरी नगला निवासी अतीकुर्रहमान, केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीकी, बहराइच के जरवल रोड निवासी मसूद अहमद और रामपुर के घेर फतेर निवासी आलम थे। अब यह मुकदमा मथुरा जनपद में पीएफआइ सदस्यों के खिलाफ दर्ज दूसरे मुकदमे में शामिल कर दिया गया है। वहीं उसकी विवेचना की जा रही है। इधर भड़काऊ भाषण देने के मामले में कांग्रेस नेता श्यौराज जीवन के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था। उनसे पूछताछ भी की गई। दोनों मामलों की विवेचना एसटीएफ कर रही है।

एसपी-डीएसपी समेत

पांच पर हुई कार्रवाई

बूलगढ़ी कांड को लेकर तीन अक्टूबर 2021 को विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित हुआ। सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित कमेटी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की। घटना में लचर पर्यवेक्षण का दोषी मानते हुए एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी रामशब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह और हेड मुहर्रिर महेश पाल को निलंबित किया गया था। हालांकि अब सभी पुलिसकर्मी बहाल हो चुके हैं। एसीएस गृह और डीजीपी का दौरा

बिटिया के अंतिम संस्कार के बाद तत्कालीन डीजीपी एचसी अवस्थी व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी युवती के घर पहुंचे थे। उन्होंने पीड़िता के स्वजन से अकेले में काफी देर बात की थी। उसके बाद ही स्वजन अस्थियां चिता स्थल से ले आए थे। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था। राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा

सहित कई बड़े नेता पहुंचे

इस प्रकरण में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी बूलगढ़ी पहुंची थीं। मृतका के स्वजन से बंद कमरे में लंबी बातचीत की थी और 10 लाख रुपये का चेक दिया था। इसके अलावा रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, संदीप पांडे, भाकपा नेता सीताराम येचुरी, डीके राजा, रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के अलावा सपा का प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा था। वहीं आरोपित पक्ष से करणी सेना, क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारी गांव गए थे, कई गांवों में पंचायत भी हुईं। इन तारीखों पर हुई सुनवाई -

18 दिसंबर 2020 : सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल की। पिछले एक वर्ष में 4 जनवरी 2021, 29 जनवरी, 11 फरवरी, 19 फरवरी, 20 फरवरी, 25 फरवरी, दो मार्च, पांच मार्च , 16 मार्च, 17 मार्च, 19 मार्च, 24 मार्च, 25 मार्च, 26 मार्च, 01 अप्रैल, 12 अप्रैल, 26 अप्रैल, 10 मई, 24 मई, सात जून, 22 जून, दो जुलाई, 15 जुलाई, 29 जुलाई, 20 अगस्त, 26 अगस्त, दो सितंबर, नौ सितंबर को अब तक सुनवाई हुई है। टेबल बनाएं ---

इन लोगों की हुई गवाही

गवाह क्रम, तारीख, गवाह

गवाह एक, 5 मार्च, मृतका का भाई।

गवाह 2, 17 मार्च, गोविद (थाने पर युवती से से बातचीत का वीडियो बनाने वाला युवक)।

गवाह 3, 17 मार्च, रवि कुमार (जिला अस्पातल में पीड़िता से बातचीत का वीडियो बनाने वाला युवक)

गवाह 4, 19 मार्च, रमेश बाबू (जिला अस्पातल में पीड़िता से बातचीत का वीडियो बनाने वाला युवक)।

गवाह 5, 19 मार्च, रश्मि, (महिला आरक्षी)।

गवाह 6, 24 मार्च, मनीश कुमार (तहसीलदार कोल)।

गवाह 7, 24 मार्च, सरला देवी (हेड कांस्टेबल, चंदपा)।

गवाह 8, 26 मार्च, ब्रह्म सिंह (सीओ सादाबाद, मुकदमे के विवेचक)।

गवाह 9, 26 मार्च, शिव कुमार (होमगार्ड)।

गवाह, 10 : 26 मार्च- नेहा (महिला आरक्षी)।

गवाह 11, एक अप्रैल, जाफर आलम- (स्टाफ- जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़)।

गवाह 12, एक अप्रैल, सना (नर्स- जेएन मेडिकल कालेज अलीगढ़)।

गवाह 13, एक अप्रैल : नौसाबा हैदर-( नर्सिंग आफीसर जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़)।

गवाह 14, 10 अगस्त, डॉ. एमएफ हुदा ( चेयरमैन डिपार्टमेंट आफ न्यूरो सर्जरी, जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़)।

गवाह-15, 26 अगस्त, डॉ. फैयार अहमद ( विधि विज्ञान विभाग, जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़)

गवाह 16, 26 अगस्त, डालिया रफत ( स्त्री रोग विभाग, जेएन मेडिकल कालेज, अलीगढ़)।


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