हाथरस में 2.44 लाख परिवारों को मिली शौचालय की सौगात
रिपोर्ट कार्ड-स्वछ भारत स्वछ भारत मिशन के तहत जिले में हर जरूरतमंद परिवार को दी गई शौचालय की सुविधा सुविधा शानदार -गांवों में 232 लाख और कस्बों में 11 हजार से ज्यादा शौचालय बनाए गए -स्वछता रैंकिग में भी हाथरस ने लगाई 115 पायदान की छलांग
अंकुर पंडित, हाथरस :
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए 2.44 लाख शौचालय खुले में शौच से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। पिछले साल 22 सितंबर को ही जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। ग्रामीण क्षेत्र में 2,32,956 शौचालय बनाए गए और शहरी क्षेत्र में 11,332 शौचालय बने। 2011 की जनगणना के अनुसार जिले के हर परिवार के पास अपना शौचालय है। सर्वेक्षण में 115 पायदान की छलांग
खुले में शौच के अलावा जिले को साफ-सुथरा बनाने की कवायद भी रंग ला रही है। स्वच्छ भारत मिशन की टीम की कोशिशों का ही नतीजा है कि हाथरस नगर पालिका की रैंक स्वच्छता सर्वेक्षण में बीते साल से 115 पायदान ज्यादा रही है। सासनी, हसायन, मैंडू और सादाबाद जैसी नगर पंचायतें भी स्वच्छता को बढ़ावा देने में आगे हैं। स्वच्छता को लेकर लोग तेजी से जागरूक हो रहे हैं और गंदगी फैलाने से पहले उनके हाथ थमने लगे हैं। वहीं ठेल वाले भी कूड़ा आदि को फैलने से बचाने के लिए साथ में डस्टबिन रखने लगे हैं। लोगों से डस्टबिन में ही कूड़ा फेंकने का अनुरोध भी करते हैं। खुले में शौच के चौतरफा विरोध के कारण लोग खुले में लघुशंका से कतराने लगे हैं। लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालय बनाए जा रहे हैं। पांच साल में गांवों में बने
2.32 लाख शौचालय
वित्तीय वर्ष 2013-14 में 1482
वित्तीय वर्ष 2014-15 में 7209
वित्तीय वर्ष 2015-16 में 5609
वित्तीय वर्ष 2016-17 में 8198
वित्तीय वर्ष 2017-18 में 119295
वित्तीय वर्ष 2018-19 में 35082
---- नगर निकाय क्षेत्रों में बने 11,332 शौचालय
जिले के नौ नगर निकायों में 11,332 शौचालय बनाए गए। व्यक्तिगत शौचालय श्रेणी में बने प्रत्येक शौचालय पर आठ हजार रुपये की मदद लाभार्थियों को दी गई। इसमें सबसे ज्यादा शौचालय नगर पालिका हाथरस क्षेत्र में 2625 और सिकंदराराऊ नगर पालिका क्षेत्र में 1451 शौचालय बनवाए गए।
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कूड़े से कमाई की योजना
जिलेभर में कूड़े के सही निस्तारण के जरिए नगर निकायों की आमदनी बढ़ाने की योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। नगर पालिका हाथरस क्षेत्र में नीले-हरे डस्टबिन लगाकर गीले-सूखे कूड़े को अलग किया जाएगा। वेस्ट प्रोडक्ट प्लांट लगाकर गीले कूड़े से खाद बनाई जाएगी और सूखे कूड़े को अलग छांटकर रीसाइकिल किया जाएगा। वहीं प्रत्येक घर और दुकान से कूड़ा उठाने का शुल्क लिया जाएगा। इससे नगर पालिका हो हर महीने लाखों की कमाई होगी और शहर भी साफ-सुथरा रहेगा।
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सैकड़ों ने स्वच्छता एप किया डाउनलोड
स्वच्छता के प्रति जागरूक लोग स्वच्छ भारत मिशन के स्वच्छता एप को डाउनलोड करने में भी पीछे नहीं हैं। सैकड़ों लोगों ने स्वच्छता एप डाउनलोड कर लिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रत्येक नगर निकाय को एप डाउनलोड होने पर अंक प्रदान किए गए थे। शहर के सैकड़ों लोगों ने एप डाउनलोड कर रैंक को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। ---------