अधिवक्ता के बैंक खाते से दो दिन में निकले 17556 रुपये
मंडी समिति स्थित स्टेट बैंक में था का खाता अनदेखी की आंच कारस्तानी -पहले दिन पैसे निकलने के बाद खाता बंद कराने का आश्वासन -दूसरे दिन फिर से निकले खाते से 13380 रुपये मैनेजर से कहासुनी
संवाद सहयोगी, हाथरस : ऑनलाइन ठगी के नित नए तरीकों का तोड़ न पुलिस के पास है और न ही बैंक अफसरों के पास। आए दिन लोगों के खातों से रकम पार की जा रही है। तहसील में कार्यरत एक अधिवक्ता के खाते से भी रुपये निकल गए। बैंक में दूसरे दिन पैसा वापस कराने की बात कही गई थी मगर दोबारा रुपये निकल गए। दो दिन में 17556 रुपये पार होने पर अधिवक्ता ने बैंक मैनेजर की मिली भगत होने की शिकायत कोतवाली हाथरस गेट में की है।
श्यामनगर जलेसर रोड निवासी राज कुमार अग्निहोत्री एडवोकेट का बचत खाता मंडी समिति स्थित स्टेट बैंक की शाखा में है। 23 मई को दोपहर दो बजे उनके मोबाइल पर डेबिट कार्ड यूजर्ड का मैसेज आया और खाते से पांच बार में कुल 3176 रुपये निकल जाने का मैसेज आया। खाते से पैसे निकलने की जानकारी लगते ही अधिवक्ता ने बैंक जाकर मैनेजर अनिल मेहरा से इसकी शिकायत की और खाता बंद कराने के लिए कहा। मैनेजर ने केवीसी प्रक्रिया हो जाने के बाद ही खाता बंद होने की बात कही और आश्वासन दिया कि खाता बंद हो जाएगा और अब पैसा नहीं निकलेगा। अधिवक्ता ने स्टेट बैंक के मुख्यालय को मेल करके अवगत कराया और एक तहरीर पुलिस क्षेत्राधिकारी से आदेश कराकर कोतवाली हाथरस गेट को दे दी। लेकिन अगले ही दिन 24 मई को दोपहर तीन बजे अधिवक्ता के पास कंज्यूमर डिपाटमेंट से कॉल आया और पूछा गया कि कितना पैसा कटा है। सत्यापन कराने के बाद पैसा वापस होने का आश्वासन दिया गया। अधिवक्ता ने बैंक आकर इसके बारे में मैनेजर को बताना चाहा, लेकिन वे फोन पर व्यस्त थे, इसलिए जिस नंबर से फोन आया था उसपर बात नहीं हो सकी। बैंक मैनेजर से बची हुई धनराशि निकालने के लिए कहा गया। जब बैंक मैनेजर ने अधिवक्ता का खाता देखा तो उसमें से 13380 रुपये और निकल जाने की जानकारी हुई। पुन: रुपये निकल जाने की जानकारी मिलते ही अधिवक्ता परेशान हो गए। बैंक मैनेजर से कहासुनी तक हो गई। कोतवाली हाथरस गेट में दी गई तहरीर में अधिवक्ता ने बैंक मैनेजर की भूमिका संदिग्ध होने और मिलीभगत का आरोप लगाया है। इनकी सुनो
अधिवक्ता का शिकायती पत्र मिला है। बैंककर्मी को बुलाकर मामले की जांच पड़ताल की जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
-जितेंद्र कुमार दीखित, इंस्पेक्टर, कोतवाली थाना हाथरस गेट। बैंक के कुछ अपने नियम होते हैं। खाता धारक को स्पष्ट बता दिया गया है कि आखिर किस तरह से पैसे निकले। जो मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं, वे गलत और निराधार हैं।
-अनिल मेहरा, बैंक मैनेजर, मंडी समिति शाखा, स्टेट बैंक।
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