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बैंकों की तरह हाईटेक हुए 122 डाकघर

इंडिया पोस्ट पेमेट बैंक ने किया जिले में डाक विभाग का कायाकल्प परिवर्तन डाकघरों के सहारे गांवों तक पहुंच रही हैं बैंक की सुविधाएं इलेक्ट्रॉनिक हैंडलेस डिवाइस की मदद से हो रहा कामकाज

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 07:07 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 07:07 AM (IST)
बैंकों की तरह हाईटेक हुए 122 डाकघर
बैंकों की तरह हाईटेक हुए 122 डाकघर

अंकुर पंडित, हाथरस : इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) ने जिले के डाक विभाग की सूरत बदल दी। आइपीपीबी के क्रियान्वयन के लिए जिलेभर के सभी 122 डाकघरों को हाईटेक बना दिया। जिले के प्रत्येक गांव तक बैंकों जैसी सुविधाएं पहुंचाने के लिए सभी डाकघरों को इलेक्ट्रॉनिक हैंडलेस डिवाइस दी गई है। अब कोई भी शख्स डाकघर में अपना खाता खुलवाकर पोस्ट पेमेंट बैंक की सभी सुविधाएं ले सकता है।

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आइपीपीबी के शाखा प्रबंधक अंकुर जैन के मुताबिक डिजिटल एडवांसमेंट ऑफ रूरल इन्फॉर्मेशन एवं कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत सभी 122 डाकघरों को हाईटेक किया गया है। सरकार तमाम योजनाओं का लाभ और तमाम सब्सिडी सीधे खातों तक पहुंचा रही है। अंतरिम बजट के एलान के बाद अब किसानों के खाते में भी छह हजार रुपये भेजे जाएंगे। सरकारी मदद पाने के लिए बैंक में खाता होना बेहद जरूरी हो गया है। ग्रामीण आबादी की पहुंच बैंकों तक नहीं है। ग्रामीण बैंकों की संख्या काफी कम है। ऐसे में हर गांव में मौजूद डाकघरों में बैंकों की सुविधाएं देकर लोगों को राहत दी जा रही है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के संचालन के लिए सभी डाकघरों को हाईटेक करना जरूरी था। डाकघरों में कंप्यूटर की जगह इलेक्ट्रॉनिक हैंडलेस डिवाइस का प्रयोग किया जा रहा है। सभी शाखाओं को इलेक्ट्रॉनिक हैंडलेस डिवाइस उपलब्ध करा दी गई है। डिवाइस के माध्यम से हर तरह का भुगतान किया जा सकेगा। यह डिवाइस माइक्रो एटीएम की तरह है। डाकघरों से ऑनलाइन लेनदेन

यहां खातों का लेनदेन, बचत खातों में नकदी आहरण, वित्तीय लेनदेन, मनीआर्डर, रजिस्ट्री, आरडी का भुगतान समेत कई सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार सौ रुपये लेकर खाता खोल रही है। से¨वग अकाउंट पर चार प्रतिशत का ब्याज दे रही है। बैंकों में यह साढ़े तीन प्रतिशत है। देशभर में कहीं से भी इन खातों का संचालन हो सकता है। ग्राहक किसी भी डाकघर से भुगतान ले सकता है। अफवाह पर ध्यान न दें

अंकुर जैन के मुताबिक जिले के प्रत्येक डाकघर को जनवरी में सौ-सौ खाते खोलने का टारगेट दिया गया था। जिलेभर में 5500 खाते खोले जा चुके हैं। कुछ लोगों ने यह अफवाह फैला दी है कि इन खातों में सरकार पैसा भेजेगी। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। कई जिलों में इस अफवाह के कारण डाकघरों में खाता खुलवाने वालों का तांता लगा हुआ है।


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