राजाबख्श सिंह ने किया विरोध, भाजपा छोड़ साइकिल पर सवार हो गईं रानी रीता सिंह
-भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा ने राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणी पर फेरा पानी -कई क्षेत्रों से दावेदार अंदरखाने कर रहे विरोध खुलकर बोलने का इंतजार

हरदोई: भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद जो उम्मीद थी वही हुआ। गोपामऊ, सांडी, हो या फिर शाहाबाद या सवायजपुर इन सीटों पर दावेदारों ने खुलकर विरोध न कर अंदरखाने अपनी नाराजगी जताई, लेकिन हरदोई सदर से भाजपा नेता राजाबख्श सिंह जहां खुलकर विरोध में आ गए वहीं संडीला से अभी हाल में ही सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं रानी रीता सिंह शनिवार को फिर साइकिल पर सवार हो गईं। इन दोनों सीटों पर विरोध संभालना मुश्किल हो रहा है, लेकिन अन्य क्षेत्रों से पार्टी नेतृत्व रूठों को मनाने में जुटा है।
भाजपा से टिकट मांगने वालों की लंबी सूची थी। सभी आठों विधायक जहां भाजपा से टिकट मांग रहे थे। वैसे तो हर सीट से कई कई दावेदार थे, लेकिन हरदोई सदर से देखा जाए तो 2017 में भाजपा प्रत्याशी रहे राजाबख्श सिंह हों या फिर शाहाबाद से अखिलेश पाठक, सवायजपुर से सूरज सिंह सोमवंशी, अंशुमान सिंह या फिर गोपामऊ से सर्वेश जनसेवा, सांडी से पूर्व विधायक वीरेंद्र वर्मा, ओमेंद्र वर्मा प्रबल दावेदारों में थे। बिलग्राम-मल्लावां हो या फिर बालामऊ यहां से भी टिकट के दावेदार लखनऊ से दिल्ली तक सेटिग में जुटे थे। वहीं संडीला से तो पूर्व विधायक स्वर्गीय कुंवर महावीर सिंह की पत्नी रानी रीता सिंह भाजपा से टिकट की चाह में दिसंबर में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं थीं। कहीं न कहीं संडीला से टिकट की वह मजबूत दावेदार थीं। वहीं कई विधायकों की टिकट कटने की भी बात कही जा रही थी, उसी को ध्यान में रखते हुए इन सीटों के दावेदार अपनी टिकट पक्की मान रहे थे, लेकिन शुक्रवार को घोषित हुई प्रत्याशियों की सूची ने सभी चर्चाओं को विराम देकर चौंका दिया। संडीला से विधायक राजकुमार अग्रवाल का जरूर टिकट कटा, लेकिन अलका अर्कवंशी के अप्रत्याशित घोषित टिकट ने चौका दिया। जो पूर्व में तैयारी कर रहे थे उन्होंने तो विरोध किया ही, रानी रीता सिंह के समर्थकों ने तो झंडे तक जलाए और फिर शनिवार को लखनऊ में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता में पहुंचकर रानी रीता सिंह फिर से सपा में शामिल हो गईं और तो और उनके पुत्र कुंवर आनंद सिंह का कहना है कि वही प्रत्याशी भी होंगी। वहीं भाजपा नेता राजाबख्श सिंह ने बिना नाम लिए इंटरनेट मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। फेसबुक पर उन्होंने सदर विधान सभा क्षेत्र से घोषित टिकट का विरोध करते प्रत्याशी को निशाने पर लिया और फिर जनता से आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहने का भी आह्वान किया। वहीं अन्य क्षेत्रों में सबसे ज्यादा शाहाबाद में भाजपा नेता अखिलेश पाठक पर निगाहें लगी हुई हैं। शनिवार को उनके समर्थक जुटे भी लेकिन अखिलेश पाठक ने कोई बयान नहीं दिया है।
Edited By Jagran