कंट्रोल रूम को मोबाइल एप देगा जानकारी, घर पहुंचेगी एंबुलेंस
होम आइसोलेट मरीजों के स्वास्थ्य देखभाल में उनके ऑक्सीजन सेचुरेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। बस मरीज नियमों का पालन करते रहें। होम आइलोलेशन एप को मोबाइल में डाउनलोड कर उसमें सुबह शाम का तापमान और ऑक्सीजन सेचुरेशन फीड करते रहें। 94 से नीचे सेचुरेशन की जानकारी एप में दर्ज करते ही स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस मरीज के घर पहुंच जाएगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
हरदोई: होम आइसोलेट मरीजों के स्वास्थ्य देखभाल में उनके ऑक्सीजन सेचुरेशन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। बस मरीज नियमों का पालन करते रहें। होम आइलोलेशन एप को मोबाइल में डाउनलोड कर उसमें सुबह शाम का तापमान और ऑक्सीजन सेचुरेशन फीड करते रहें। 94 से नीचे सेचुरेशन की जानकारी एप में दर्ज करते ही स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस मरीज के घर पहुंच जाएगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
कोरोना संक्रमण में मरीजों को सबसे ज्यादा खतरा सांस फूलना माना जाता है। इसीलिए बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेट करने के समय पल्स ऑक्सीमटर और थर्मल स्कैनर आवश्यक होता है। मरीज को अपने एंड्राइ़ड मोबाइल में एप भी डाउनलोड करना होता है। इस एप पर नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर एक विशेष सेल भी गठित है। होम आइसोलेशन प्रभारी डॉ. अमरजीत सिंह आजमानी ने बताया कि आएसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार ही काम किया जाता है। गाइडलाइन में ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से नीचे वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की बात कही गई है। मरीजों को चाहिए कि वह एप में शरीर का तापमान और ऑक्सीजन सेचुरेशन दर्ज करते रहें। ऐसा करने से बुखार की स्थिति में कंट्रोल रूम से ही उन्हें दवा बता दी जाएगी। वहीं ऑक्सीजन कम होने का आंकड़ा एप में दर्ज होते ही कंट्रोल रूम के निर्देश पर एंबुलेंस मरीज के घर पहुंच जाएगी। डॉ. आजमानी ने बताया कि यह सब मरीजों की सुरक्षा के लिए ही किया जा रहा है। वह इसका ध्यान रखें, ताकि स्थिति गंभीर होने पर मरीज को बचाया जा सके। होम आइसोलेट मरीजों पर एक नजर
कुल होमआइसोलेट हुए संक्रमित- 2080
स्वस्थ हो चुके संक्रमित- 1679
होम आइसोलेट सक्रिय संक्रमित- 401