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वातावरण की शुद्धता के लिए पौधारोपण के साथ करते हवन

चाहते सभी हैं कि वातावरण में शुद्धता रहे पर पर्यावरण

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 10:29 PM (IST)
वातावरण की शुद्धता के लिए पौधारोपण के साथ करते हवन
वातावरण की शुद्धता के लिए पौधारोपण के साथ करते हवन

हरदोई : चाहते सभी हैं कि वातावरण में शुद्धता रहे, पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति चितित कम लोग दिखते हैं। जिले में करीब नौ फीसद वन क्षेत्रफल से 42 लाख से अधिक आबादी को ऑक्सीजन मिल रही है। जबकि मानक अनुसार 33 फीसद क्षेत्रफल वनों से आच्छादित होना चाहिए। लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता के साथ समय देना होगा। समाज में विरले ही लोग हैं जो पर्यावरण संरक्षण के साथ प्राकृतिक वातारण की शुद्धता के लिए नियमित हवन करते हैं।

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जिले के प्रगतिशील किसानों में गिने जाने वाले विकास खंड टोडरपुर धनवार निवासी हरगोविद को पर्यावरण संरक्षण की ऐसी लगन लगी है कि खुद के बागान तैयार कराने के साथ ही गांव के लोगों को भी बाग लगाने के लिए प्रेरित किया। जैविक पद्धति से खेतीबाड़ी करने वाले हरगोविद वातावरण की शुद्धता के लिए नियमित गांव या नघेटा रोड स्थिति आवास पर हवन जरूर करते हैं। शहर से गांव तक के सफर में जहां पर भी सरकारी भूमि खाली दिखी वहां पर बरगद, पीपल और पकड़ रोपित करते रहते हैं। वह पौधरोपण को बढ़ावा देने में व्यावसायिक पक्ष का विरोध भी करते हैं। कहते हैं कि यूकेलिप्टस और पापुलर से पर्यावरण संरक्षण की बात बेमानी है, हां पौधरोपण की संख्या में इजाफा दर्शाया जा सकता है। यूकेलिप्टस के पेड़ भूमिगत जल को तेजी से खोस लेते हैं और आसपास की भूमि कठोर होकर अनउपजाऊ हो जाती है। आम, आवलां के बाग के आसपास शीशम, नीम और जमुन के पौधरोपित किए हैं।

पर्यावरण संक्षरण की ललक ऐसी जागी की सिनेमा रोड निवासी अमित आर्य न केवल लोगों को जागरूक कर रहें हैं, बल्कि खुद के संसाधनों से लोगों को पौध उपलब्ध कराते हैं। कई सरकारी कार्यालयों और मार्गों के किनारे स्वयं ही पौधरोपित की और देखभाल कर बड़ा किया है। प्रकृति प्रेमी अमित आर्य का कहना कि किसान खुद के संसाधनों से कृषि वानिकी को बढ़ावा दें। जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ आमदनी में वृद्धि होगी। उन्होंने पुलिस विभाग के गेस्ट हाउस, तहसीलद सदर परिसर, परिवहन विभाग के बस स्टैंड, लखनऊ रोड एवं नघेटा रोड आदि पर बड़ी संख्या में पौधों को रोपित किया है। अमित बिना नागा के घर पर हवन करते हैं। कहते हैं कि हवन की समिधा और देसी घी से वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। 65 लाख रोपित किए जाएंगे पौधा : डीएफओ विमल कुमार आनंद का कहना है कि वर्ष 2021 में पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से 64 लाख 96 हजार 785 पौधों को रोपित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग द्वारा 18 लाख 15 हजार 48 पौधरोपित किए जाएंगे। जबकि पर्यावरण विभाग के माध्यम से दो लाख एक हजार 672 पौधों को रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है। विभागीय पौधरोपण के लिए 24 नर्सरियों पर पौध तैयार कराई जा रही है। जबकि अन्य विभागों को पौधरोपण के लक्ष्य पूर्ति के लिए पौधों का इंतजाम कराना होगा।


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