जिलाधिकारी ने संभाला जिला पंचायत के प्रशासक का काम-काज
-13 जनवरी रात 12 बजे जिला पंचायत बोर्ड का समाप्त हो गया कार्यकाल -वित्तीय एवं प्रशासनिक निर्णय जिलाधिकारी करेंगे
हरदोई : 13 जनवरी की रात 12 बजे से जिला पंचायत के निर्वाचित अध्यक्ष और 72 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया। गुरुवार को जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने प्रशासक के रूप में काम-काज संभाल लिया है। जिला पंचायत में अब वित्तीय और प्रशासनिक निर्णय जिलाधिकारी द्वारा लिए जाएंगे।
वर्ष 2016 में 14 जनवरी को गठित जिला पंचायत के निर्वाचित बोर्ड में अध्यक्ष मीरा गुप्ता और 72 सदस्यों का पंचायतीराज अधिनियम के अनुसार पांच साल बाद कार्यकाल समाप्त हो गया। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी स्वाती जैन ने बताया कि अध्यक्ष से बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने पर पंचायतीराज अधिनियम की व्यवस्था अनुसार जिलाधिकारी ने गुरुवार को प्रशासक का काम-काज संभाल लिया है। 14 जनवरी से अब जिला पंचायत के सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक और विकास और निर्माण कार्यों के संबंध में निर्णय जिलाधिकारी द्वारा लिए जाएंगे।
बताया कि जिला पंचायत की परिसंपत्ति और उसका उपयोग भी जिलाधिकारी के निर्णय पर किया जा सकेगा। जिला पंचायत के वाहन को वापस मंगा लिया गया है। जिला पंचायत के नवीन बोर्ड के गठन तक जिलाधिकारी प्रशासक रहेंगे और वाहन और कार्यालय व सभाकक्ष आदि के प्रयोग की जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। जिला पंचायत के खातों का संचालन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से होगा और भुगतान आदि की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
प्राथमिकता के कार्यों में ढिलाई पर पंचायत सचिव को नोटिस: हरदोई : मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय निर्माण में ढिलाई पर जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चंद्र ने नाराजगी जाहिर की। निरीक्षण के समय पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय का काम बंद मिलने पर ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस जारी की है।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने गुरुवार को विकास खंड हरपालपुर की ग्राम पंचायत ककरौआ में विकास एवं निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। बताया कि निरीक्षण के समय से सामुदायिक शौचालय अधूरा और काम बंद मिला। पंचायत भवन के निर्माण के लिए मनरेगा से ई-मस्टर रोल जारी नहीं कराए गए हैं। कार्य बंद मिला और ग्राम विकास अधिकारी गरिमा कुशवाहा कोई सटीक उत्तर नहीं दे सकीं। गांव में कराए गए खड़ंजा की मरम्मत की गुणवत्ता घटिया मिली।
बताया कि मनरेगा से ई-मस्टर रोल जारी न कराए जाने से जॉबकार्ड धारक परिवारों को रोजागर नहीं मिल सका और प्राथमिकता के कार्यों को पूरा नहीं कराया जा सका है। ग्रामीणों से गांवों के विकास और निर्माण कार्य की जानकारी ली गई। बताया कि पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालयों के अधूरे कार्य मिलने पर संबंधित पंचायत सचिव के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पंचायत सचिव सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराते हुए जल्द हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी कराएं।