तंत्र मंत्र का चक्करः शादी हो जाए इसलिए छह महीने से खा रहा था कील और बैट्री
शादी होने के लिए तांत्रिक के कहने पर युवक छह महीने से नुकीली कील, लोहे के तार, चाबी का गुच्छा, हुक, मोबाइल बैट्री और न जाने क्या क्या खा रहा था।
हरदोई (जेएनएन)। एक अविवाहित युवक ने हैरत अंगेज कदम उठाया। वह बेरोजगार था और उसकी शादी भी नहीं हो पा रही थी। विवाह कैसे हो, इसके लिए वह एक तांत्रिक से मिला। उसके कहने पर युवक पिछले छह महीने से नुकीली कील, लोहे के तार, चाबी का गुच्छा, हुक, मोबाइल की बैट्री और न जाने क्या क्या खा रहा था। एक दिन अचानक पेट में भयंकर दर्द उठा। घरवाले उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने एक्सरे करवाया। पेट में लोहे का कबाड़ देखकर वे दंग रह गए। ऑपरेशन कर पेट से लोहा, कील आदि बाहर निकाला गया। युवक की हालत अब खतरे से बाहर है।
दिमागी संतुलन सही नहीं
बिलग्राम कस्बा निवासी अजय द्विवेदी की शादी नहीं हुई है। वैसे तो वह खेतीबाड़ी करता था लेकिन, इन दिनों बिना किसी वजह इधर-उधर घूमता रहता है। दिमागी संतुलन भी पूरी तरह से सही नहीं है। छोटे भाई महेंद्र द्विवेदी ने बताया कि छह माह पूर्व उनके भाई की माधौगंज में किसी तांत्रिक से मुलाकात हुई थी जिसके बाद वह उनके कहने पर ही चलने लगा। उन्होंने कहा कि वह शादी करा देंगे। तांत्रिक के कहने पर अजय लोहा, चाबी के गुच्छे, लोहे का तार, कील आदि खाना शुरू कर दिया। हालांकि परिवार को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। कुछ दिन पूर्व पेट में दर्द शुरू हो गया।
पेट में लोहे का सामान फंसा
महेंद्र ने बताया कि अजय को वह एक निजी अस्पताल लेकर आए। डॉक्टर ने एक्सरे कराया तो पता चला कि उनके पेट में लोहे का सामान फंसा है। आपरेशन में लोहे की चाबी, तार, मोबाइल की टूटी बैट्री, चमड़ा, कील आदि करीब 100 ग्राम सामान निकला। ये सब आंतों में फंसा था। सर्जन एसके सिंह बताते हैं कि कंपल्सिव बिजारे डिसआर्डर नामक बीमारी से शिकार लोग ऐसा करते हैं जोकि खुद को नुकसान पहुंचाते हैं।