Move to Jagran APP

मुश्किलों से लड़कर हासिल किया मुकाम

ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:11 AM (IST)
मुश्किलों से लड़कर हासिल किया मुकाम
मुश्किलों से लड़कर हासिल किया मुकाम

ह्यह्वष्ष्द्गह्यह्य ह्यह्लश्रह्म4 हरदोई : वह पढ़ना चाहती थी, लेकिन संसाधनों का रोड़ा था। गांव में स्कूल नहीं था और परिवार आर्थिक तंगी का शिकार था। एक दिन पिता ने बिटिया की इच्छा सर्वोदय आश्रम में जाहिर की। फिर उसे आश्रम में संचालित उड़ान कार्यक्रम में प्रवेश मिल गया। यहां से हाईस्कूल पास किया और उम्मीदों के आसमान में उड़ने लगी। मेहनत से इंटरमीडियट और फिर बीटीसी उत्तीर्ण किया। फिर मुश्किलों से लड़ते-लड़ते शिक्षामित्र बनी। अब परिवार की आजीविका पटरी पर आ रही है। भाई-बहनों को सहयोग मिला तो वे भी सपनों की उड़ान भरने लगे हैं।

loksabha election banner

टड़ियावां के मेड़ईपुरवा गांव की रहने वाली माधुरी के पिता राम अवतार मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। माधुरी पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। उसका बचपन गरीबी में बीता। संघर्ष की राह में चलते-चलते माधुरी ने वर्ष 2012 में बीए और वर्ष 2014 में दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी किया। फिर 2009 में उसे मुकाम मिला। ग्राम पंचायत बहलोली में सरैया स्थित प्राथमिक विद्यालय शिक्षामित्र पद पर चयन हो गया। अब वह अपने परिवार का पालन पोषण करने के साथ भाई-बहनों की पढ़ाई की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है।

--

भाई-बहनों का भी संवार रही कॅरियर :

माधुरी अब भाई-बहनों का कॅरियर संवारने में जुट गई है। वह बताती है कि भाई सुमित इंजीनियर बनने की राह पर चल रहा है। उसने टड़ियावां से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद माता पिता के न चाहते हुए भी उन्होंने भाई का दाखिला बनारस में एक आइआइटी कोचिग संस्थान में कराया है। बाकी दो छोटी बहनें भी पढ़ रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.