समाजवाद की परिभाषा भूल गई समाजवादी पार्टीः आदित्य यादव
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय महासचिव और पीसीएफ के चेयरमैन आदित्य यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी समाजवाद की परिभाषा भूल गई है।
हरदोई (जेएनएन)। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी समाजवाद की परिभाषा भूल गई है। पिछले दो साल से कहीं न कहीं नेताओं की राजनीतिक हत्या करने का काम किया जा रहा था। उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर कहा कि आम जनता अब समझदार हो चुकी है, वह मंदिर की राजनीति के चक्कर में आने वाली नहीं है। वह इस मौके पर यह कहना नहीं भूले कि नेताजी मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद उनके साथ है।
लोहिया के पद चिह्नों पर चलने का संकल्प लें
हरदोई की एक सभा में आदित्य यादव ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को खून पसीने से सींचा और लोहिया व जनेश्वरजी के पद चिह्नों पर चलने का संकल्प पर चले। पिछली सरकार के अखिरी दो वर्षों से एसी में बैठककर निर्णय लिए गए, जिन्हें रोकने पर सरकार में बैठे लोग समाजवाद की परिभाषा भूल गए। उन्होंने कहा कि यह कैसा समाजवाद है जहां अपने से बड़ों को बेइज्जत करना और अलग करने की राजनीति की जा रही हो।
शिवपाल ने पिछली सरकार की छवि सुधारी
आदित्य ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पिछली सरकार की छवि सुधारने का काम किया, बदले में उन्हें क्या मिला। यह जनता जानती है। सरकार में रहते हुए किसान व महिलाओं के हित में तमाम फैसले लिए। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि चुनाव आते ही राम मंदिर का मुद्दा गरमा जाता है। जनता अब धर्म की राजनीति के चक्कर में नहीं आएगी। राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष अर्चना राठौर, राजेश यादव, जिलाध्यक्ष रामू कश्यप, गिरीश चंद्र बाजपेई समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
चुनाव के लिए छोटी-छोटी पार्टियों से गठबंधन
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि आगामी 9 दिसंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के साथ छोटी-छोटी पार्टियों के गठबंधन की घोषणा की जाएगी।
इटावा-औरैया का आकर जरूर देखें विकास
राष्ट्रीय महासचिव व पीसीएफ के चेयरमैन ने तंज कसते हुए कहा कि आप ने जिस नेता को बार-बार जिताकर सदन भेजा, बदले में उसने आपको क्या दिया। औरैया, इटावा आदि की जनता ने उनके परिवार के लोगों को बार-बार जिताकर सदन पहुंचाया। आप लोग वहां आकर विकास जरूर देखें। फिर आपको समझ में आ जाएगा। किसने कितना विकास किया।