खेल सामग्री खरीद में हुए खेल से बचने में जुटे खिलाड़ी
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हरदोई: परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की खेल सामग्री में हुए खेल की जांच से हड़कंप मचा हुआ है। खेल करने वाले खुद को बचाने में जुटे हुए हैं। अधिकांश विद्यालयों में किट बदली जा चुकी हैं। कागजी खानापूर्ति भी शुरू हो गई है। इसके लिए तो बाकायदा फार्मेट जारी कर दिया गया है। अब खिलाड़ी खुद को कितना बचा लेते हैं या जांच में उनका खेल पकड़ में आता है यह तो बाद में ही पता चलेगा लेकिन बच्चों की सामग्री में होने वाले खेल की पोल खुल गई है और इतना भी साफ हो गया है कि विभाग में कमीशनबाजी के सामने शासनादेश बौना साबित होता है।
विद्यालयों की तरफ बच्चों का रुझान बढ़ाने के लिए शिक्षा के साथ ही उनके खेलकूद का इंतजाम किया गया। प्राथमिक विद्यालयों में पांच हजार और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 10 हजार रुपये के हिसाब से खेल सामग्री खरीदने के लिए धनराशि भी जारी की गई थी। विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में भेजी गई धनराशि से समिति द्वारा सामग्री की खरीद की जानी थी, लेकिन लूट मच गई। प्राथमिक में 1500 से दो हजार और उच्च प्राथमिक में चार से पांच हजार तक की सामग्री पहुंचा दी गई। अध्यापकों की बिना मर्जी के उनके ऊपर सामग्री थोप दी गई। ऊपर से नीचे तक खेल हुआ, खंड शिक्षा अधिकारियों के कृपा पात्रों से ही सामग्री खरीदने के लिए अध्यापकों को मजबूर कर उनसे चेक तक ले ली गई। पूरे जिले में मची लूट को दैनिक जागरण ने उठाया तो जिलाधिकारी ने समिति से जांच का आदेश दिया और अब जिम्मेदार फंसते नजर आ रहे हैं। जिससे बचने के लिए अधिकारी जुट गए हैं। सामग्री वापस ली जाने लगी है और जिस समिति से पूछा तक नहीं गया था, उससे हस्ताक्षर तक करवाकर लिखापढ़ी पूरी हो रही है। एक नहीं पूरे जिले में यही चल रहा है। लोगों का कहना है कि अगर बारीकी से जांच हो जाए तो खेल की पूरी पोल खुल जाएगी।
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