हाथी के साथी न बन जाए 'दिलजले'
हरदोई भाजपा ने सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा कर सभी को चौका तो दिया है। लेकिन टिकट
हरदोई: भाजपा ने सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा कर सभी को चौका तो दिया है। लेकिन टिकट के दावेदार दिलजले बनकर विरोध में उतर आए हैं। विपक्षी दल इसका फायदा उठाने की फिराक में हैं। वैसे तो अंदरखाने सभी क्षेत्रों में खिचड़ी पक रही है, पर सबसे ज्यादा हरदोई सदर, बिलग्राम-मल्लावां, सवायजपुर और शाहाबाद में राजनीतिक समीकरण बन बिगड़ रहे हैं। जो हालात पैदा हो रहे हैं, उसके हिसाब से राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कहीं टिकट न मिलने से नाराज दिलजले हाथी के साथी न बन जाएं।
भाजपा में ही टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार थे। टिकट तो एक को ही मिलनी थी, जिससे बाकी के नाराज होने की भी बात पहले से ही पता था। लेकिन जिनकी टिकट कटने का अनुमान था, उन पर पानी फिर गया और संडीला से टिकट काटी गई। हरदोई सदर से सपा छोड़कर आए नितिन अग्रवाल को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया, जिससे अन्य दावेदार विरोध में उतर आए।
हरदोई से न सपा ने प्रत्याशी घोषित किया न बसपा ने। ऐसे में दोनों पार्टियों के रास्ते खुले हैं। वहीं दूसरी तरफ मल्लावां से लोक सभा चुनाव के बाद से ही टिकट की उम्मीद कर रहे एक पूर्व विधायक भी अंदरखाने नाराज हैं। साइकिल से तो कई दावेदार आने को तैयार हैं। ऐसे में हाथी की सवारी के ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं। सवायजपुर और शाहाबाद से टिकट की खातिर पूरी सेटिग और तैयारी किए बैठे कद्दावर नेता भी लखनऊ में डेरा जमाए हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वैसे तो अन्य सीटों पर भी टिकट न मिलने से रूठे दावेदारों को तो मना लिया गया है, लेकिन हरदोई सदर, मल्लावां-बिलग्राम, शाहाबाद और सवायजपुर से नाराज नेताओं पर विपक्षी दल डोरे डाल रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक दो दिन में स्थिति पूरी तरह से साफ भी हो जाएगी।