सियासत की खींचतान ने नहीं बनने दिया संडीला को जिला
लाल चंद्र चौरसिया संडीला संडीला क्षेत्र में मुद्दों की कमी नहीं है। रेलवे क्रासिग पर पुल की
लाल चंद्र चौरसिया, संडीला: संडीला क्षेत्र में मुद्दों की कमी नहीं है। रेलवे क्रासिग पर पुल की मांग पुरानी चली आ रही है, औद्योगिक क्षेत्र के विकास का भी बड़ा मुद्दा है। वैसे क्रासिग पर पुल निर्माण की उम्मीद जग गई है तो औद्योगिक विकास भी जैसे तैसे हुआ और हो भी रहा है, लेकिन क्षेत्र का सबसे बड़ी और पुरानी संडीला को जिला बनाने की मांग की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
1976 से यह मांग चल रही है कि प्रदेश में कई नए जिले बन भी गए पर संडीला को अभी भी इंतजार है। सियासत ने कभी ध्यान नहीं दिया और संडीला को जिला बनाने की मांग पूरी नहीं हो सकी। इसके लिए संघर्ष भी होता रहा पर नतीजा कोई नहीं निकला। लोगों का कहना है कि चुनावी संग्राम चल रहा है लेकिन इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
जिला न बनने के कारण संडीला का वह विकास भी नहीं हो पाया जो होना चाहिए था। 1995 में शैलेश अग्निहोत्री को आंदोलन की बागडोर सौंपी गई तो उन्होंने आंदोलन को और अधिक धर देते हुए लखनऊ के जीपीओ पार्क में धरना दिया और राजभवन तक पैदल मार्च किया। जिसके बाद लगातार भूख हड़ताल धरना प्रदर्शन रोड जाम संडीला बंद जैसे आंदोलन चलते रहे लेकिन संडीला को जिला नहीं बनाया गया। 23 एचआरडी 20
संडीला को जिला बनाने की कार्यवाही पूरी हो चुकी थी परिसीमन की कार्यवाही भी की गई थी. जिसमें लखनऊ का कुछ क्षेत्र और उन्नाव की कुछ ग्राम पंचायत संडीला में जोड़े जाने का निर्णय हुआ था लेकिन जनप्रतिनिधियों के रुचि न लेने के कारण ऐसा नहीं हो सका।---शैलेश अग्निहोत्री 23 एचआरडी 21
राजनेताओं के रुचि न लेने के कारण संडीला जनपद नही बन सका। जब क्षेत्र की जनता हर पार्टी के नेता से संडीला को जिला बनाने की मांग की थी ।क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते जिला बनना अति आवश्यक है। अगर संडीला जिला बन जाए तो विकास के द्वार ही खुल जाएं।--- जय प्रकाश पांडेय