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ऑनलाइन नहीं हुई पुरानी लाइसेंस, लाइन में खा रहे धक्के

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By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 10:28 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 10:28 PM (IST)
ऑनलाइन नहीं हुई पुरानी लाइसेंस, लाइन में खा रहे धक्के
ऑनलाइन नहीं हुई पुरानी लाइसेंस, लाइन में खा रहे धक्के

हरदोई : सरकारी सिस्टम का क्या कहें। दो वर्ष पूर्व उप संभागीय परिवहन कार्यालय के समस्त अभिलेखों, वाहन से जुड़े अभिलेखों की फीडिग पूरी होने के दावे किए गए। अब उनकी पोल खुल रही है। कार्यालय आने वाले तमाम लोग वाहन से जुड़े अभिलेख और पुराने लाइसेंस की फीडिग न होने से परेशान है। किसी के लाइसेंस तो किसी के वाहन से जुड़े अभिलेख विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। ऐसे में वाहन स्वामियों को दोबारा लाइसेंस बनवाने या फिर अभिलेख ऑनलाइन फीडिग कराने को धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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परिवहन विभाग की ओर से पारदर्शी व्यवस्था लागू करने को लेकर वर्ष 2015-16 में एआरटीओ कार्यालय के समस्त अभिलेखों को ऑनलाइन किए जाने की व्यवस्था शुरू की गई थी। इसको लेकर प्रदेश मुख्यालय स्तर से कार्यालय के साथ वाहनों से जुड़े समस्त अभिलेख और चालकों के पुराने लाइसेंस ऑनलाइन करने के लिए एजेंसी नामित की गई। एजेंसी कर्मियों ने वर्ष 2016-17 में विभागीय अभिलेखों के साथ लाइसेंस संबंधी समस्त रिकार्ड ऑनलाइन करने का दावा किया। इसे आधार मानते हुए तत्कालीन एआरटीओ ने प्रदेश मुख्यालय को समस्त अभिलेखों का फीडिग कार्य पूरा होने का शपथ-पत्र भेज दिया। एजेंसी कर्मियों की मनमानी और अफसरों की लापरवाही का खामियाजा अब वाहन स्वामियों और चालकों को भुगतना पड़ रहा है। बड़े पैमाने पर फीडिग कार्य अधूरा होने की बात सामने आ रही है। कार्यालय पहुंचने वाले कई लोगों के लाइसेंस या वाहन से संबंधित अभिलेख वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। 10 लाख पुराने लाइसेंस फीड करने का किया था दावा : परिवहन विभाग के कार्यालय में लाइसेंस धारकों की संख्या 18 लाख से अधिक है। कर्मचारियों के अनुसार वर्ष 2016-17 में एजेंसी द्वारा काम छोड़ने के दौरान 10 लाख से अधिक पुराने लाइसेंस व अन्य अभिलेखों की फीडिग ऑनलाइन किए जाने के दावे किए थे, जो अब लोगों के लिए मुसीबत बने हुए है। एआरटीओ बोले

सारथी फोर और वाहन फोर अंतर्गत समस्त अभिलेख ऑनलाइन किए गए हैं। फीडिग अधूरी होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। दिन भर में कई लोग कार्यालय आते है, जिनके पुराने लाइसेंस व अभिलेखों की फीडिग नहीं है। जिन लोगों के पुराने अभिलेख मिल रहे हैं, उनकी फीस और अन्य अभिलेख देखकर फीडिग कराने की व्यवस्था की गई हैं। जिनके अभिलेख नहीं मिलते है, उन्हें दोबारा लाइसेंस बनवाने को कहा जा रहा है।

.. दीपक शाह, एआरटीओ प्रशासन


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