पंचायत सचिव निलंबित, बीडीओ से स्पष्टीकरण तलब
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना को निरीक्षण में बिलग्राम ब्लाक मुख्यालय पर गंदगी और योजना की स्थिति खराब मिलने पर की कार्रवाई
हरदोई : मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा राना ने बिलग्राम ब्लाक कार्यालय के निरीक्षण में योजना, कार्यक्रम की खराब स्थिति व गंदगी पर बीडीओ से जवाब-तलब और बैठक से गैरहाजिरी पर एक पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया।
मुख्य विकास अधिकारी मंगलवार को बिलग्राम के वार्षिक निरीक्षण पर पहुंची। वहां पर बैठक में गैरहाजिरी पर ग्राम विकास अधिकारी धवल चंद्र निलंबित कर दिया। मनरेगा मद में समय से श्रमिकों के 50 फीसद से कम भुगतान और जिले के कम औसत पर जलालपुर की पंचायत सचिव अंकिता अग्निहोत्री, ढोढपुर व दुर्गागंज के शिव ओम बाजपेयी, बेहटा बुजुर्ग के दिव्यांशु वर्मा, रणेना हबीबनगर के प्रवीण कुमार, कटरी बिलुही के राजेश वर्मा, छिबरामऊ के ज्ञानेश वर्मा, रहुला के अभय सिंह, बाण के आक्रोश वर्मा के एक दिन के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी। कार्यालय व परिसर में साफ-सफाई एवं योजनाओं की प्रगति खराब मिलने पर बीडीओ मनवीर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी की।
उन्होंने बूथ निर्माण की राशि ब्लाक स्तर पर रोके रखने, जीएसटी व इनकम टैक्स कटौती राशि संबंधित शासकीय कोष में जमा न करने के लिए लेखाकार रमेश चंद्र को दो दिन में निस्तारण का मौका देते हुए निलंबन की चेतावनी दी। स्थापना पटल पर सर्विस बुक, जीपीएफ पंजिका का रख-रखाव सही न मिलने पर एक सप्ताह में सभी को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए, ऐसा न करने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी।
सात सीडीपीओ का एक दिन का वेतन रोका
हरदोई : जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने सुबह 10:15 और शाम को 5:00 बजे फोटो सहित लाइव लोकेशन न देने वाले सात बाल विकास परियोजना अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की और एक दिन का वेतन रोक दिया है। उन्होंने बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के तहत ब्लाकों व शहर में संचालित बाल विकास परियोजना कार्यालयों पर बाल विकास परियोजना अधिकारी व कार्यभार देख रही वरिष्ठ सुपरवाइजर को प्रतिदिन वाट्सएप ग्रुप पर जियो टैग के साथ लाइव लोकेशन की फोटो भेजने की व्यवस्था दी गई है। बताया कि बाल विकास परियोजना कार्यालय बेंहदर, सुरसा, बिलग्राम, पिहानी, अहिरोरी, हरियावां और टड़ियावां के परियोजना अधिकारियों ने 26 अक्टूबर लाइव लोकेशन नहीं दी है। पिछले कई दिनों से यह स्थिति देखी जा रही है, जबकि इसके लिए पहले ही जानकारी दी जा चुकी है। सभी सातों परियोजना अधिकारियों से जवाब-तलब किया गया है और साक्ष्य सहित लौटती डाक से जवाब मांगा गया है।