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पछोहा क्षेत्र देख रहा विकास की राह

-टूटी सड़कों और बेसहारा जानवरों से परेशान हैं लोग

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 10:06 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 10:06 PM (IST)
पछोहा क्षेत्र देख रहा विकास की राह
पछोहा क्षेत्र देख रहा विकास की राह

पचदेवरा (हरदोई): दूरस्थ क्षेत्र भरखनी विकास खंड का पछोहा विकास की राह देख रहा है। जैसे अन्य क्षेत्रों में विकास हुआ, वैसे भरखनी क्षेत्र में भी विकास कराया गया, लेकिन जर्जर सड़कें और पिछड़े गांवों में विकास की दरकार है। लोगों को उम्मीद है कि जो अधूरे काम हैं वह इस पंचायत चुनाव के बाद जरूर पूरे होंगे।

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भरखनी विकास खंड का आधे से अधिक भाग पछोहा के नाम से जाना जाता है। वैसे तो गांवों में विकास की जिम्मेदार प्रधान की है, लेकिन क्षेत्र पंचायत से भी काम कराए जाते हैं। लोगों का कहना है कि काम हुए भी पर क्षेत्र की टूटी सड़कों, गांव में बजबजाती नालियां और अधूरे पड़े आवास से लोग परेशान हैं। अनंगपुर गांव से होकर तहसील मुख्यालय शाहाबाद जाने वाला मार्ग में बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। इसी तरह अल्हागंज मार्ग, पचदेवरा थाने जाने वाले लिक मार्ग, जलालाबाद मार्ग, कांट से पाली मार्ग की भी दशा खराब है। पचदेवरा, अनंगपुर, चकराछा, आमतारा, मैकपुर, कुरारी, भाभर, लखनौर आदि ऐसे बहुत से गांव हैं जहां के लोग बेसहारा जानवरों से परेशान हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जानवरों से बचाने के लिए गोशाला का समुचित इंतजाम कराया जाए और जो क्षेत्र की महत्वपूर्ण सड़कें हैं, क्षेत्र पंचायत से उन पर भी कम हो।

बिना भेदभाव के प्रधान कराएं विकास: पचदेवरा: पंचायत चुनाव में दावेदार जहां वादा कर रहे हैं, वहीं मतदाता भी उन्हें परख रहे हैं, अब जिसे जनता पसंद करेगी ही प्रधान बनेगा, लेकिन मतदाताओं का कहना है कि प्रधान जो भी बने, बिना भेदभाव के गांव का विकास कराए, जब गांव विकसित होगा तभी समाज तरक्की कर पाएगा।

वीरमपुर निवासी आशीष अवस्थी कहते है. कि हर व्यक्ति का अधिकार है कि वह अपने मन का प्रत्याशी चुने, पर जो भी प्रधान बने वह बिना भेदभाव के गांव का विकास कराए। जिससे कि सभी की तरक्की हो। चकराछा निवासी संजीव दीक्षित कहते है कि प्रधान जो भी बनता है वह एक किसी का नहीं सभी का होता, इसलिए जीतने के बाद वह सभी के बारे में सोचे। गांव की सबसे बड़ी समस्या सफाई होती है, उस पर विशेष ध्यान दिया जाए। पिपरिया निवासी अशोक कहते हैं कि जो समय चला गया वह गया अब आगे के बारे में सोचा जाए और प्रधान जो भी हो गांव का चहुमुखी विकास कराए। कल्लू कहते है कि प्रधान तो पूरे गांव की शान होता है। ऐसा प्रधान हो जो मजबूती से अपनी बात ऊपर तक पहुंचाए। जिससे कि हर जगह सुनवाई हो।


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