वक्ता बोले, महानगरों में अभिशाप बनती जा रही वृद्धावस्था
हरदोई मां आशा फाउंडेशन के तत्वावधान में आधुनिक भारतीय समाज में वृद्धावस्था की दुरुहताएं पर गोष्ठी।
हरदोई : मां आशा फाउंडेशन के तत्वावधान में आधुनिक भारतीय समाज में वृद्धावस्था की दुरुहताएं विषय पर गूगल मीट पर एक ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
समाजसेवी सचिन मिश्र ने कहा कि वर्तमान में महानगरों में वृद्धावस्था एक अभिशाप बनकर उभर रही है। जब व्यक्ति को अपनों की जरूरत होती है तब उसके अपने उससे दूर हो लेते हैं। फिर चाहें वो कानपुर के 12 ह•ार करोड़ के मालिक सिघानिया हो या मुम्बई की वह वृद्ध महिला जो अपने फ्लैट में कंकाल के रूप में मिली। अभी न जाने समाज में कितने ऐसे उदाहरण और होंगे। श्याम जी गुप्ता ने कहा कि आज के युग में नई पीढ़ी स्वार्थी हो गई है। वह अपना स्वार्थ देखकर ही कार्य करती है। कवि गोपाल ठहाका ने कहा कि वृद्धावस्था की समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। इसकी जिम्मेदार आज बढ़ती एकाकी परिवार की निम्न सोच है। अपने बुजुर्गों का सम्मान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। रजनीश मिश्र ने कहा कि वर्तमान परि²श्य को देखकर ऐसा सख्त कानून बनाने की जरूरत है जिसमें यदि कोई माता-पिता का ख्याल न रखे तो उसे कठोर दंड दिया जाए। श्याम जी मिश्र ने कहा कि हम बुजुर्गों को समय दें, उनकी बात सुनें व उनसे अनावश्यक बहस न करें। हम बुजुर्गों की आवश्यकताओं का ध्यान रखें। भाजपा उपाध्यक्ष प्रीतेश दीक्षित ने कहा कि वही घर समृद्ध है जहां प्रसन्न वृद्ध है। समाजसेवी भरत पाण्डेय ने कहा कि जीवन का अंतिम अध्याय वृद्धावस्था सर्वाधिक समस्याओं से घिरा होता है। संस्थाध्यक्ष कवि अजीत शुक्ल ने कहा कि आने वाली पीढ़ी बुजुर्गों का सम्मान करे। गोष्ठी में संयोजक आकाश सिंह, शैशव त्रिपाठी, पुनीत शुक्ल, संजीत सिंह, शिवम शांडिल्य, प्रखर पांडेय, विमलेंदु वर्मा, सचिन श्रीवास्तव, मोहन मिश्र, अमित सिंह मौजूद रहे।