आंकड़ों में 5,84,701 क्विंटल हो गई खरीद, फिर भी किसान परेशान
- सरकारी सिस्टम से परेशान किसान - औने-पौने दामों पर उपज बेचने को हो रहे मजबूर
हरदोई : सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर हो रहा खेल किसी से छिपा नहीं है। कभी बोरे की समस्या तो कभी मानकविहीन गेहूं बताकर किसानों को केंद्रों से लौटाया जा रहा है। किसान सरकारी सिस्टम से परेशान हैं और औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। वहीं सरकारी आंकड़ों में गेहूं खरीद रफ्तार भर रही है। आंकड़ों में 5,84,701 क्विंटल तक गेहूं खरीद हो चुकी है।
जिला प्रशासन ने किसानों को मूल्य समर्थन योजना का लाभ दिलाने को लेकर 122 गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए हैं। जिले की पांच मंडियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में खोले गए अधिकतर केंद्रों पर बिचौलिए हावी है। प्रभारियों की मनमानी के चलते किसानों को परेशान होना पड़ता है। किसान उपज बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। अगर किसानों का गेहूं तौल भी लिया जाता है, तो उन्हें भुगतान के लिए परेशान किया जाता है। कुल मिलाकर सरकारी सिस्टम से किसानों का भला होता नहीं दिख रहा, जबकि सरकारी आंकड़ों में आठ हजार से अधिक किसानों से 5,87,701 क्विंटल गेहूं खरीदने का दावा किया जा रहा है, जबकि हकीकत इससे इतर है। तमाम बहाने बाजी के चलते किसान अपना गेहूं औने-पौने दामों पर उपज बेचने को मजबूर हो रहे हैं। उनका हाल देखने वाला कोई नहीं है।
डिप्टी आरएमओ अनुराग पांडेय ने बताया कि किसानों को लाभांवित किया जा रहा है। कहीं पर भी प्रभारियों की मनमानी की शिकायत मिलती है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बिचौलियों के साथ प्रभारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।