दवा मांगते जन औषधि केंद्र
-जिला अस्पताल में खुले जन औषधि केंद्र का हाल
हरदोई : सरकार ने सस्ती दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराने के लिए हर जिले में जन औषधि केंद्र खोले हैं। कंपनी की ब्रांडेड दवाओं की अपेक्षा खासे सस्ते दामों में जेनरिक दवाओं का सपना चकनाचूर हो रहा है। डॉक्टर द्वारा पर्चों पर लिखी जा रही दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।
जिला अस्पताल में खुले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के मेडिकल स्टोर पर दवाओं का अभाव है और काम चलाऊ सिस्टम से संचालित हो रहा है। दवाओं की सभी रेंज न होने के कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा न मिलने पर उन्हें दोबारा चिकित्सक के पास जाना पड़ता है या बाहर के मेडिकल स्टोर से दवा लेनी पड़ती है। हालात यह है कि दिनभर में आधे मरीजों को औषधि केंद्र से खाली हाथ जाना पड़ता है। कम डॉक्टर ही लिखते जेनरिक दवाएं : दवा कंपनियों और डॉक्टरों के गठजोड़ के चलते प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं। अधिकतर डॉक्टर इन दवाओं को कम गुणवत्ता वाली होने की बात कहकर महंगी दवाएं खरीदने के लिए मरीजों से कहते हैं। कारण है कि महंगी दवाओं में उनकी सौदेबाजी होती है। वहीं जागरूक और आर्थिक रूप से कमजोर जनता जन औषधि केंद्रों में मिलने वाली दवाएं खरीद रहे है। मांग पत्र और डिमांड लगी, नहीं हो रही पूर्ति : जन औषधि केंद्र संचालक अलका सिंह कहती हैं कि दवाएं कोरोना संकट के चलते पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही हैं। दिसंबर और जनवरी में ऑडिट के कारण दवाएं कम ही मिल पा रही हैं, लेकिन प्रयास यही रहता है कि मरीजों को अधिक से अधिक दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। निजी जन औषधि केंद्र पर मिलती सभी दवाएं : शहर के सांडी रोड स्थित जन औषधि केंद्र के संचालक देवेश सिंह ने बताया कि लगभग सभी दवाएं उपलब्ध हैं और जो दवाएं नहीं होती हैं तो वह भी जल्द से जल्द मिल जाती हैं।