फोटो-..महबूब कोई पाकिजे पाला नहीं जाता
संडीला : झाड़ी शाह बाबा मेले व उर्स में आयोजित कव्वाली के जवाबी मुकाबले को सुनने के लिए श्र
संडीला : झाड़ी शाह बाबा मेले व उर्स में आयोजित कव्वाली के जवाबी मुकाबले को सुनने के लिए श्रोता उमड़ पडे़। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इसके पहले बाद नमाज ईसा चिराग का आयोजन हुआ, जिससे जायरीन अपनी मनौती के लिए मजार पर चिराग जलाते हैं। चिराग के बाद रात जवाबी मुकाबला मशहूर कव्वाल गुलाम हबीब पेंटर व नेहा नाज के बीच शुरू हुआ। जिसकी शुरुआत गुलाम हबीब ने गजले रसूल से की- 'निजाम साहिबे इंसान बना दे, कलमा जो पढ़े सच्चा मुसलमान बना दें'। इसके बाद उन्होंने खुदा से अर्ज करते हुए कहा 'मेरी सांस पुकारे अली-अली, मेरी नस-नस बोले अली-अली'। इसके जवाब में नेहा नाज ने यह गजल पेश की-' दिल दिया है सुरूर भी दे दो, आंख दी है तो नूर भी दे दो और एक अहसान कर मौला, देखने का सहूर भी दे दो।' खुदा से अर्ज करते हुए उन्होंने कहा 'हमारे दिल के मोबाइल में सिम है तौबा का हमारी सांस का टावर बोले नबी-नबी'। उनके पेश किए गए इस शेर पर 'ख्वाजा के अस्ताने से टाला नहीं जाता, महबूब कोई पाकिजे पाला नहीं जाता।' पर खूब वाह-वाह हुई।