कायाकल्प से परिषदीय विद्यालयों की बदल रही सूरत
-जिले के 3324 विद्यालयों में कायाकल्प में हो चुका काम -सुंदर भवन और संसाधन कान्वेंट को दे रहे टक्कर
हरदोई: परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प हो गया है। जिन विद्यालयों की कभी बिना रंगाई-पुताई के बदहाल इमारत थी, आज वे सुंदर दीवारों और फर्श पर लगे टाइल्स से अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। कुल 3444 विद्यालयों में 3324 की सूरत बदल चुकी है, बाकी में अभी काम चल रहा है।
बच्चों को विद्यालयों की तरफ आकर्षित करने के साधनों में सबसे ज्यादा भूमिका विद्यालय भवन की होती है। उन्हें सुंदर बनाने के काफी दिनों से प्रयास हो रहे थे, लेकिन कहीं न कहीं धनराशि आड़े आती थी, पर ऑपरेशन कायाकल्प ने उसे भी दूर कर दिया और पंचायत की धनराशि से विद्यालयों में काम कराया गया और उन्हें हर तरह से संतृप्त करने के लिए 14 बिदुओं को पूरा किया गया, जिसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। जिले के सभी विकास खंडों के अधिकांश विद्यालयों की सूरत ही बदल गई है। जिन विद्यालयों में काम शुरू नहीं हो पाया या देरी की गई, मुख्य विकास अधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने सख्ती भी दिखाई। अवर अभियंता सर्व शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण मिश्र का कहना है कि 99.57 फीसद विद्यालय अधिकांश बिदुओं पर संतृप्त हो चुके हैं, जो बचे हैं उनमें काम चल रहा है। विद्यालय और उनके संतृप्तीकरण पर एक नजर
कुल विद्यालय-3444
शुद्ध पेयजल-3265
बालक-बालिका शौचालय-3265
शौचालय में जलापूर्ति-2908
शौचालय में टाइलीकरण-2484
मल्टीपल हैंडवाशिग यूनिट-3069
रसोईघर-3250
कक्षाकक्ष में टाइल्स-423
श्यामपट-3424
विद्यालयों की समुचित रंगाई पुताई-3394
विद्यालय परिसर में दिव्यांगों के लिए रैंप-3661
कक्षा कक्ष में वायरिग-2661
विद्यालयों में विद्युतीकरण-2940 पढ़ाई के साथ बच्चों का कौशल विकास जरूरी:हरदोई: विद्यालयों में पढ़ाई के साथ बच्चों के कौशल विकास की सुरसा विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय बरहा ने पहल की है। सोमवार को पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों खासकर छात्राओं को सिलाई कढ़ाई से लेकर उनकी जरूरत के अन्य प्रशिक्षण दिए जाएंगे।
खंड शिक्षा अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश, भगवान राव व जिला समन्वयक समेकित शिक्षा आशा वर्मा ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का शुभारंभ किया। विद्यालय को गोद लेने वाले भाजपा नेता अमित सिंह ने छात्राओं को सिखाने के लिए एक सिलाई मशीन भेंट की। इस मौके पर बीईओ ने कहा कि बालिकाओं को बेहतर शिक्षा देने व उनके अंदर विभिन्न हुनर व जीवन कौशल को विकसित करने के लिए आयोजित कार्यशाला सराहनीय है। पढ़ाई के साथ ही बच्चों का जीवन कौशल जरूरी है। प्रधानाध्यापिका मंजू वर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में आर्ट,पेपर क्राफ्ट ,सिरेमिक वर्क, मोम ,डॉल, जूट वर्क तथा सिलाई- कढ़ाई सहित कई प्रशिक्षण दिए जाएंगे और फिर उनका फॉलोअप भी होगा। एआरपी रजनीश द्विवेदी ने कहा कि निश्चित रूप से इससे बच्चों का हौसला बढ़ेगा।