जुगाड़ की एफआरयू में भगवान भरोसे प्रसव
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हरदोई : गर्भवती को जटिल केस में जिला मुख्यालय या दूरस्थ अस्पताल न भागना पड़े, इसके लिए जिला महिला अस्पताल के साथ ही संडीला, पिहानी और बिलग्राम सीएचसी में एफआरयू (फर्स्ट रेफरल यूनिट) बनाई गई। सर्जन, फिजीशियन और अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होनी थी। सीएचसी की बात छोड़िए, जिला महिला अस्पताल में ही चिकित्सक नहीं तैनात हुए। यहां व्यवस्था भगवान भरोसे है। जुगाड़ से काम चल रहा है। सरकार की मंशा उदासीनता की भेंट चढ़ रही है।
जिला महिला अस्पताल में हर माह 1000-1500 गर्भवती प्रसव के लिए आती हैं। पर, यहां की एफआरयू में निश्चेतक (एनेस्थेटिक) सिर्फ तीन चिकित्सक के भरोसे व्यवस्था है। सर्जन पुरुष अस्पताल से अटैच कर काम चलाया जा रहा है। स्त्री रोग विशेषज्ञ एक हैं, फिजीशियन वह भी नहीं। संडीला सीएचसी में मात्र निश्चेतक और सर्जन हैं, न बाल रोग विशेषज्ञ हैं न ही फिजीशियन। पिहानी में दो स्त्री रोग विशेषज्ञ और एक सर्जन हैं, लेकिन एनेस्थेटिस्ट नहीं है। पिहानी और बिलग्राम में सर्जन न होने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाता। इन क्षेत्रों की गर्भवती को जिला महिला अस्पताल लेकर भागना पड़ता है। यहां एफआरयू में स्टॉफ नर्स ही मरीजों को देखकर सामान्य प्रसव की स्थिति होने पर हाथ लगाती हैं, नहीं तो जिला महिला अस्पताल रेफर की पर्ची थमा दी जाती है।
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नवंबर में एफआरयू में हुए प्रसव :
-1141 - जिला महिला अस्पताल
-531 - पिहानी
-360 - बिलग्राम
-243 - संडीला
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एफआरयू के मानक :
एफआरयू में कम से कम एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, निश्चेतक व शल्य चिकित्सक होना चाहिए। साथ ही लैब टेक्नीशियन, स्टॉफ नर्स और कंप्यूटर ऑपरेटर भी होते हैं।
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-एफआरयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। शासन को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई है। हर माह इसकी रिपोर्ट भी भेजी जाती है। जल्द ही चिकित्सकों की तैनाती का प्रयास किया जाएगा।
-डॉ. एसके रावत, सीएमओ